- November 9, 2015
मेगा विधिक चेतना एवं लोक कल्याणकारी शिविर सम्पन्न
जयपुर – राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा झालावाड़ जिले में राज्य का चौथा और अब तक का सबसे बडा मेगा विधिक चेतना एवं लोक कल्याणकारी शिविर आयोजित किया गया जिसमें 3 हजार 36 लोगों को 3 करोड़ 38 लाख 50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई।
शिविर में मुख्य अतिथि के आसन से बोलते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वी.एस. सिराधना ने कहा कि इस शिविर के आयोजन का उद्देश्य सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह गये लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाना तथा जनसामान्य में विधिक चेतना उत्पन्न करना है। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रचार होना चाहिए तथा प्रत्येक हकदार को उसका न्याय सम्मत लाभ मिल सकें। जब तक जनता अपने अधिकारों के लिए आवाज नहीं उठायेगी तब तक उसे लोकतंत्र के वास्तविक अधिकार प्राप्त नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता की समस्या मूलत: अशिक्षा की समस्या से जुड़ी हुई है। शिक्षा जितनी लडकों के लिए जरूरी है उससे ज्यादा लडकियों के लिए जरूरी है। पढ़ाई केवल नौकरी के लिए नहीं अपितु जीवन को सलीके से जीने के लिए की जाती है। आपस के झगडे जीवन में सर्वाधिक परेशानी पैदा करते है। हम परस्पर झगड़े मिटायें तो समाज में सब ओर शांति हो जाएगी। नीति के साथ-साथ नीयत भी अच्छी होनी चाहिए।
शिविर में उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश सी.एल. गुप्ता ने कहा कि सरकारी सुविधाओं और लाभों का जो असमान वितरण होता है, वही समाज में समस्त असन्तुलन ओर पिछड़ेपन का मूल कारण होता है। इस प्रकार के शिविरों के माध्यम से न्यायालय इस असन्तुलन को दूर करने का प्रयास कर रहा है। न्यायिक सहायता के रूप में राष्ट्रीय, प्रादेशिक, जिला एवं खण्ड स्तर पर विधिक सेवा प्राधिकरण बने हुए हैं। धन के अभाव में इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई भी आदमी न्याय प्राप्त करने से वंचित न रहे इसलिए विधिक सहायता दी जाती है। लोक अदालतों के माध्यम से धन एवं समय की बचत होती है तथा मुकदमे का हमेशा के लिए निस्तारण हो जाता है। उन्होंने कहा कि झालावाड़ जिले की 252 ग्राम पंचायतों में लीगल एड क्लिीनिक खोले जाएंगे ताकि आम आदमी में न्यायिक अधिकारों के प्रति जागृति लाई जा सकें।
जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट बिष्णु चरण मल्लिक ने कहा कि संविधान में न्यायपालिका, कार्यपालिका तथा विधायिका का सुन्दर संतुलन स्थापित किया गया है। इस तरह के शिविरों के आयोजन से यह संतुलन और स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। विधिक सहायता के माध्यम से गरीब से गरीब व्यक्ति को न्याय मिल सकता है। न्यायपालिका द्वारा आरंभ की गई मुकदमा पूर्व सुलह एवं समझौता, मध्यस्थता, नि:शुल्क विधिक सहायता तथा राजस्थान पीडि़त प्रतिकर योजनाएं सराहनीय हैं।
शिविर के अन्त में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तथा विधिक सेवा प्राधिकरण झालावाड़ के पूर्णकालिक सचिव टी.के. गुप्ता ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया तथा जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि गाडिया लुहारों तथा अन्य लोगों ने जो समस्याऐं प्रस्तुत की हैं उनका त्वरित समाधान किया जाए।
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