• June 19, 2020

मुलाकात — 1008 श्री त्रिमूर्ति पंच बालयति दिगंबर जैन

मुलाकात — 1008 श्री त्रिमूर्ति पंच बालयति दिगंबर जैन

प्रतापगढ़—–आरएसएस के पदाधिकारी मनोज जी व अशोक जी ने आचार्य श्री सुनील सागर जी के दर्शन किए।

रास्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चित्तौड़गढ़ विभाग प्रचारक मनोज जी विभाग कार्यवाहक अशोक जी के साथ आज बगवास के पास में स्थित 1008 श्री त्रिमूर्ति पंच बालयति दिगंबर जैन मंदिर पहुंचे

जानकारी देते हुये रितेश अग्रवाल ने बताया कि संघ के विभाग प्रचारक मनोज जी एवँ विभाग कार्यवाहक अशोक जी ने मंदिर जी में विराजित परम पूजनीय संत श्री 108 प्राकृताचार्य संयमभूषण सुनील सागर जी महाराज के दर्शन कर समाज सेवा हेतु मार्गदर्शन प्राप्त किया।

इस अवसर पर अपनी अमृतमय वाणी में आचार्य श्री ने कहा कि हमारे देश ने हमेशा दुनिया की भलाई सोची है और वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ हमेशा अच्छे कार्य किए हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्र को समर्पित एक बहुत महत्वपूर्ण संस्था है कितनी भी विकट परिस्थितियां हो संघ के लाखों स्वयंसेवक उपस्थित होकर के अपनी समाज सेवा के माध्यम से भारत माता के श्री चरणों में अपनी पुष्पांजलि अर्पित करते हैं दीन दुखी गरीबों की सेवा में आए वक्त काम आते हैं।

भगवान महावीर स्वामी ने कहा है जीयो और जीने दो यह सिंद्धान्त स्वयँ के जीने के साथ साथ दुसरो के जीने के अधिकारों की भी घोषणा करता है इसके गूढ़ अर्थ को समझें तो खुद भी आनंद के साथ जियो और दूसरों को भी जीने में सहयोगी बनो इस सूत्र को और भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान महावीर के दिखाएं रास्ते को अपनाते हुए इस राष्ट्रीय संगठन ने बहुत महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।

विश्वव्यापी संक्रामक महामारी कोविड-19 के भयंकर माहौल में भी संघ के कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया है सभी देशवासी इन कार्यों से प्रेरणा लेकर स्वयं भी ऐसा ही कुछ करें धर्म जाति संप्रदाय के भेदभाव को गोण करके आगे बढ़े आज भी हमारा देश दुनिया में विश्व गुरु के रूप में पूजनीय है योग आयुर्वेद जेसी विद्या दुनिया ने हमसे सीखी हैं।

अहिंसा और वसुधैव कुटुंबकम की भावना हमें बहुत अच्छी तरीके से दुनिया तक भी पहुंचाना है ताकि सबका अच्छा हो सबका भला हो संघ के शिखर से लेकर जड़ तक सभी कार्यकर्ताओं के लिए आशीर्वाद और सबका मंगल हो ऐसी भावना।

इस अवसर पर आचार्य श्री सुनील सागर जी के जीवन परिचय को दर्शाती महाविज्ञ इंदौर सरोज शाह द्वारा लिखित पुस्तक कोमचारी श्री ने अपने आशीर्वाद के साथ संघ के इन दोनों वरिष्ठ पदाधिकारियों को भेंट की इस अवसर पर दिलीप दोषी दीपक दोषी और दीपेश दोषी उपस्थित थे

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