- February 1, 2015
मुलाकात: राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के दिल्ली दौरे को एशिया-प्रशांत और हिंद महासागर पर भारत-अमेरिका के संयुक्त रणनीतिक दृष्टिकोण के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है. जाहिर है भारत-अमेरिका के गर्मजोशी भरे रिश्ते से चीन खुद को असहज स्थिति में पा रहा है. इसके अलावा नए शासन में चीन के कट्टर प्रतिद्वंदी जापान के साथ भारत की बढ़ती निकटता से भी चीन परेशान हैं.
सोमवार को विदेशमंत्री सुषमा स्वराज भारत, रूस और चीन के बीच त्रिपक्षीय वार्ता में भी हिस्सा लेंगी. सुषमा स्वराज के सामने चीन और रूस को भरोसे में लेने की चुनौती है. उन्हें अपने सबसे ताकतवर पड़ोसी को यह भरोसा दिलाना है कि अमेरिका से मजबूत रिश्ते के बावजूद भारत अपने पड़ोसी देश के साथ संबंधों को उतना ही अहमियत देता है.
इस साल के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चीन जाएंगे. पीएम दौरे के दौरान उठने वाले मुद्दों और कार्यक्रम का खाका भी तैयार किया जाएगा. गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे पर बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गर्मजोशी भरे रिश्ते को चीन ने सतही बताया था.