- July 17, 2017
मुख्यमंत्री विद्या दान कोश ‘ज्ञान संकल्प पोर्टल’
जयपुर————–शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि शिक्षा क्षेत्र में राज्य की प्राथमिकताओं के लिए बने ‘मुख्यमंत्री विद्या दान कोश’ की राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा ‘ज्ञान संकल्प पोर्टल’ महत्वपूर्ण पहल है।
उन्होंने कहा कि इसका प्रतीक चिन्ह भी इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि वह औद्योगिक घरानों को सीएसआर के तहत शिक्षा क्षेत्र में सहयोग करने के लिए आकृष्ट करे। पोर्टल के जरिए राजस्थान के राजकीय विद्यालयों को वित्तीय सम्बल प्रदान करने तथा आधारभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण के लिए दानदाता अब ‘सीधे ऑनलाईन सहभागी बन सकेंगे।
श्री देवनानी ने बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे इस पोर्टल का राजधानी जयपुर में आयोजित होने वाले ‘फेस्टीवल ऑफ एजूकेशन’ के दौरान 5 अगस्त को उद्घाटन करेगी। श्री देवनानी ने बताया कि इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भामाशाह और औद्योगिक घराने कॉर्पोरेट सोश्यल रेस्पोंसेबिलिटी (सीएसआर) के तहत जुड़कर सीधे राजस्थान सरकार को शिक्षा में किए जा रहे नवाचारों एवं आधारभूत सुविधाओं को बढ़ाने में अपना सहयोग दे सकते हैं।
उन्होनें बताया कि ‘ज्ञान संकल्प पोर्टल’ सीएसआर, दानदाताओं और स्वयंसेवी संस्थाओं के लिए एक ऎसा वेब मंच होगा जिसके जरिए वे प्रदेश की विद्यालयी आवश्यकताओं को जानकर अपनी ओर से शिक्षा क्षेत्र में बेहतरी के लिए किए जा रहे राज्य सरकार के प्रयासों में सहयोग देकर सहभागी बन सकेंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बनाया जा रहा यह पोर्टल राजकीय विद्यालयों की मूलभूत आवश्यकताओं एवं प्राथमिकताओं के अनुसार सीएसआर, भामाशाहों, संस्थाओं व क्राउड फंडिंग के माध्यम से आवश्यक धनराशि का संग्रहण व प्रबंधन करेगा। इसके अंतर्गत बाकायदा दानदाताओं, सीएसआर एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को स्वयं प्रेरित करने के लिए ओरों द्वारा दिए गए योगदान के बारे में भी बताया जाएगा।
ऑनलाईन पोर्टल के अतर्गत सहयोग देने वाला अपने फण्ड के उपयोग के बारे में भी जब चाहे जान सकेगा साथ ही वह अपने स्तर पर शिक्षा क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं में भी सीधे तौर पर भागीदार बन सकेगा।
शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि इस पोर्टल के माध्यम में भामाशाह व औद्योगिक घराने प्रदेश के विद्यालयों को सहयोग देने के उद्देश्य से गोद ले सकते हैं। दानदाता अथवा सीएसआर कम्पनी परियोजना गतिविधि हेतु आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाकर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के माध्यम से परियोजना क्रियान्वित कर सकती है।
दानदाताओं द्वारा दिए जाने वाले योगदान का उपयोग राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद के द्वारा राज्य सरकार की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार विद्यालयों के विकास हेतु किया जावेगा।
कोष में दी गयी योगदान राशि को आयकर अधिनियम की धारा 80जी के अन्तर्गत आयकर छूट प्रदान करने तथा विदेशी स्रोतों से योगदान प्राप्त करने के लिये ‘फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगूलेशन एक्ट’ के तहत पंजीकरण की आवश्यक कार्यवाही भी राज्यस सरकार करेगी।