- December 24, 2015
मुख्यमंत्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना का समझौता
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हिमाचल प्रदेश ०००००००००००००००००००००००राज्य में मुख्यमंत्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना को कार्यान्वित करने के लिए प्रदेश सरकार तथा मैसर्ज आरटीएस रूरल टैक्नालाॅजी प्राईवेट लिमिटेड, प्रीतमपुरा, नई दिल्ली के बीच आज यहां समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य श्री विनीत चौधरी तथा कंपनी की ओर से मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. सुधीर कुमार ने हस्ताक्षर किए। यह योजना प्रथम फरवरी, 2016 से लागू होगी। इस योजना के अन्तर्गत 1.50 लाख से अधिक परिवार लाभान्वित होंगे।
स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि मुख्यमंत्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना के तहत अस्पताल में दाखिल 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, एकल नारियों, अशंकालीक कार्यकर्ताओं, दैनिक भोगी कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकों, मीड-डे-मिल वकर्स, प्रदेश सरकार व स्वतः निकायों/सोसायटियों, प्रदेश सरकार के बोर्डों, निगमों इत्यादि के दैनिक भोगी कर्मचारियोें और 70 प्रतिशत से अधिक अपंगता वाले लोगों को कैशलेस उपचार सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
कम्पनी के प्रतिनिधियों द्वारा पंचायत स्तर पर स्मार्ट कार्ड बनाए जाएंगे और 10 जनवरी, 2016 के बाद जिला मुख्यालय में क्योस्क केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इससे आपातकाल की स्थिति में क्योस्क के माध्यम से लाभार्थी स्मार्ट कार्ड बना सकेंगा। इसके लिए लाभार्थी को विभाग द्वारा प्राधिकृत पत्र, फोटो पहचान पत्र जैसे आधारकार्ड, मतदाता पहचान पत्र, राशनकार्ड इत्यादि प्रस्तुत करने होंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि इस योजना के तहत स्मार्ट कार्ड धारक परिवारों को सालाना 30 हजार रुपये की निःशुल्क स्वास्थ्य उपचार सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त काॅर्डिक व काॅर्डियोथिरोसिस सर्जरी, जैनिकटो यूनीनरी सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, रेडिएशन, ओनकोलाॅजी, ट्राॅमा, ट्रांसप्लांट सर्जरी, स्पाइनल सर्जरी, सर्जिकल गैस्ट्रोएंट्राॅलाजी, हेमोफिलिया और कैंशर के उपचार के लिए 1.75 लाख रुपये का कैशलेस बेसिज पैकेज सभी स्मार्ट कार्ड धारकों को उपलब्ध करवाया जाएगा।
104 व्यापक काॅल सेंटर के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित
104 व्यापक काॅल सेंटर आरम्भ करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक तथा मैसर्ज पीरामल स्वास्थ्य प्रबन्धन एवं अनुसंधान संस्थान हैदराबाद के बीच आज यहां एक मास्टर सर्विस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह काॅल सेंटर तीन माह में कार्यशील कर दिया जाएगा। इस काॅल सेंटर की अनेक विशेषताएं हैं।
काॅल सेंटर के तहत माता व शिशु नजर रखी जाएगी, जिसके तहत लाभार्थियों को रिमांइडर काॅल/एसएमएस अल्र्ट दिए जाएंगे। यह सुविधा स्वास्थ्य सेवा उपदेयता व कार्यकर्ताओं को भी होगी।
टेली हैल्पलाईन 104 जिसके तहत निम्नलिखित उपघटक व विशेषताएं हैं।
1. स्वास्थ्य सलाह/परामर्श
2. स्वास्थ्य देखभाल के लिए हैल्पलाईन उपलब्ध करवाकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम की विभिन्न सूचनाएं एवं दिशा-निर्देश उपलब्ध करवाना।
3. शिकायत निवारण
4. किशोरों के लिए स्वास्थ्य हैल्पलाईन
काॅल सेंटर निम्नलिखित सेवाएं उपलब्ध करवाएगी।
1. सभी गर्भवती महिलाओं व बच्चों के अभिभावकों के दूरभाष नम्बर काॅल सेंटर के माध्यम से जोड़े जाएंगे। इन काॅल सेंटरों से माता एवं शिशु के रिकार्ड की सत्यतता अपेक्षित रहेगी तथा यह स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बारे जागरूकता लाएंगे और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश उपलब्ध करवाएंगे। इसके अतिरिक्त इन्टरेक्टिव वाॅयस रेसपाॅंस सिस्टम काल्स के माध्यम से स्वास्थ्य लाभार्थियों के लिए भी सहायक होंगे। यह एमसीटीएस से वर्किंग डाटा सैट प्राप्त करेंगे।
2. अत्याधिक जोखित वाली गर्भवती महिलाओं को हर माह विशेष काॅल की जाएंगी।
3. इन प्रस्तावित काॅल सेंटरों के माध्यम से सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं, माता एवं शिशु के लिए उपलब्ध विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं एवं स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित जानकारी को भी विचार-विमर्श के दौरान उपलब्ध करवाया जाएगा।
4. विचार-विमर्श के दौरान प्राप्त तथ्यों से स्वास्थ्य योजनाओं के वास्तविक कार्यान्वयन संबंधी डाटाबेस को भी सृजित किया जाएगा।
काॅल सेंटर प्रदेश के सोलन में स्थापित होगा। यह केन्द्र 24 सीटों वाला काॅल केन्द्र होगा, जिसमें 3 जीएनएम, 2 क्लीनिकल साईकोलोजिस्ट और युवाओं को स्वास्थ्य हैल्पलाईन के लिए 2 डाक्टर शामिल होंगे।