- July 27, 2016
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की क्षमता है ।
शैलेश कुमार —————– 2012 दिसंबर में संपादकीय लाइन में : स्पष्ट किया था —-देश में दो ही व्यक्ति प्रधानमंत्री बनने के लायक है (क) नीतीश कुमार (ख) शिवराज सिंह चौहान।
लेकिन एक गठबंधन में फंस गए , वहीँ चौहान ने प्रेस वक्तव्य जारी कर स्पष्टीकरण दे दिया।”
अगर मुख्य मंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनते है तो उनको इन समस्याओं का सामना करना होगा वो कैसे करेंगें ?
घरेलू ::-
कश्मीर नीति ?
मुस्लिम द्वारा हिन्दुओं का दमन ? मुस्लिम के विभिन्न आतंकवादी संगठन ? गरीब और पिछड़े मुस्लिमों के सम्बन्ध में नीति ? बंगाल और केरल में हिंदुओं पर हमला नीति ? मुस्लिम कठमुल्लों द्वारा मुस्लिम औरतों को गुलाम बनाने की नीति। मुस्लिमों द्वारा फतवा जारी करने की प्रथा ?
विदेश :-
चीनी को हम भारतीय फूटीकौड़ी पसंद नहीं करते , फिर भी उसे व्यापार की सारी सुविधा दी जा रही है ?
चीन – नेपाल और कश्मीर के माध्यम से भारत की संप्रभुता हथियाना चाहता है ?
पाकिस्तान के साथ किस तरह का सम्बन्ध होगा :-
पाकिस्तान का दोस्त (अ ) चीन (आ ) अमेरिका (इ) संयुक्त मुस्लिम राष्ट्र। (ई) राष्ट्रमंडल जिसका अध्यक्ष ब्रिटेन है।
विश्व आधारित आर्थिक मुद्दा पर नीति ?
ये हिन्दू और मुस्लिम को लड़ाने -फंसाने (मुलायम यादव की तरह ) वाले मुख्यमंत्री और भारत को तौहीन करनेवाले प्रधानमंत्री नहीं चाहिए।
ये नहीं की नरसिम्हा राव जैसे गद्दार प्रधानमंत्री भारतीयों को मूर्ख बनाते हुए WTO पर हस्ताक्षर स्वीकार करने से इंकार कर दिया ।
सुरक्षा व्यवस्था और गरीबों के हित शराब बंदी से खुशी हुई । बिहार में “आजीविका” की भूमिका समाज निर्माण में अहम है। जहाँ प्रशानिक तंत्र असफल है वह तंत्र “आजीविका” को सौंप दें।
बिहार से प्रधानमंत्री उम्मीदवारों के लिए उत्तरप्रदेश के पिछड़े नेता दुश्मन है ।
अगर लालू संगठन बेहतर बिहार बनाने में नीतीश कुमार को साथ दे तो बिहार देश का नेतृत्व कर सकता है।
इसके लिए धर्मनिरपेक्ष शब्द और मुस्लिम परस्ती चाल को पटाक्षेप करना होगा क्योंकि कांग्रेस की यह नीति जनता के लिए असहनीय है।
क्योंकि कांग्रेस के हिंदु संघठन और हिन्दू आतंकवाद जैसे दमनात्मक कदम से खफा है।
कश्मीर और केरल में मुस्लिम अतिवादियों को भारतवासी पसंद नहीं करते।
अटल बिहारी वाजपेयी के तरह बंदरबाट की सरकार न हो। जो सत्ता चलाने के लिए हो लेकिन समाधान के लिए नहीं।
इधर कश्मीर पर हमला और उधर वाशिंगटन से हॉट – टाक।
(वेब सम्पादक)