मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 739 करोड़ 12 लाख रूपये की मंजूर – मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान

मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 739 करोड़ 12 लाख रूपये की मंजूर – मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान

सड़क संपर्क सुविधाओं से वंचित सुदूर गाँवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिये मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 739 करोड़ 12 लाख रूपये की मंजूरी दी गई है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने बताया कि आजादी की सालगिरह के मौके पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सड़क सुविधाओं से वंचित गाँव के लिये यह अनूठी सौगात दी है। इससे प्रदेश के 37 जिले के 2871 सुदूर गाँव में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 3562.85 कि.मी. लंबी 1506 नई बारहमासी ग्रेवल सड़क का निर्माण होगा। प्रदेश के सुदूर अंचलों तक बारहमासी पक्की सड़कों का जाल बिछाने के इस फैसले से अब तक सड़क सुविधाओं से वंचित गाँव की दिशा और दशा बदलने में मदद मिल रही है। वे विकास की मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं।

सुदूर ग्रामीण अंचलों तक समृद्धि और विकास की पहुँच हो, इस उदेश्य से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिये राज्य के पहुँचविहीन 9109 गाँव को बारहमासी सड़कों (ग्रेवल रोड) से जोड़ने की योजना शुरू हुई है। इस इनूठी योजना के जरिये 3634 करोड़ की लागत से पुल-पुलियों सहित 19 हजार 386 कि.मी. लंबी 7575 ग्रेवल रोड बनाने का काम चल रहा है। ये सभी ऐसे गाँव हैं, जो अभी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लाभ से वंचित हैं। इनमें सामान्य क्षेत्र के 500 तक आबादी वाले और आदिवासी बहुल अंचलों के 250 से कम आबादी वाले गाँव इस योजना में शामिल किये गये हैं। योजना में अब तक 12905 कि.मी. लंबी 6028 कि.मी. सड़कें पुल-पुलियाओं सहित बनाई जा चुकी हैं। योजना के लिये राज्य सरकार अपने साधनों से वित्तीय संसाधन मुहैया करवा रही है।

मनरेगा कन्वर्जेंस से भी इन सड़कों का निर्माण हो रहा है। योजना पर अब तक 2246 करोड़ रूपये खर्च हो चुके हैं। गरीबों को स्थाई आजीविका के अवसर मुहैया करवाने तथा ग्रामीण अंचलों में स्थायी परिसंपत्तियाँ बनाने के उद्देश्य से मनरेगा अभिसरण से नई उप-योजना सुदूर ग्राम संपर्क और खेत सड़क योजना शुरू की गई है। इस उप-योजना में 20 हजार कार्य का चिन्हांकन कर 11 हजार 958 काम प्रगति पर है। इस अनूठी पहल से किसानों को अपने-अपने खेत-खलिहान तक पहुँचने और रोजमर्रा के कृषि कार्यों में आसानी होगी। फसलों को भी बाजार तक शीघ्र पहुँचाया जा सकेगा।

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