- October 29, 2015
‘मुख्यमंत्री की बात-किसानों के साथ’ : सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से आग्रह किया है कि वे संकट के समय में हिम्मत रखें, हौसला रखें, निराश न हों। राज्य सरकार और आम जनता किसानों के साथ सहयोग के लिए खड़ी है। उन्होंने कहा कि केवल एक साल खराब हुआ है। पूरा जीवन बचा है।
किसानों को संकट से उबारने के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है। राहत की राशि देने, फसल बीमा की राशि देने, रबी की फसल के लिए खाद-बीज उपलब्ध करवाने, शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देने, बेटियों की शादी के लिए मदद करने और कर्ज वसूली स्थगित करने जैसे कदम तत्काल प्रभाव से उठाए गए हैं।
श्री चौहान आज यहाँ आकाशवाणी के विशेष फोन इन कार्यक्रम ‘मुख्यमंत्री की बात-किसानों के साथ’ में किसानों को संबोधित करते हुए उनके सवालों के जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने एक किसान के सवाल के जवाब में बताया कि किसानों को राहत की बड़ी राशि के वितरण की अनुमति देने के लिए नवम्बर माह के पहले सप्ताह में एक दिन का विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की मेहनत के कारण ही मध्यप्रदेश ने कृषि के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छूआ है। कृषि वृद्धि दर पिछले चार साल में लगातार औसत 20 प्रतिशत बनी हुई है। ओला-पाला जैसी विपदाओं के बावजूद अनाज उत्पादन भी दुगना हो गया है।
श्री चौहान ने कहा कि खेती को किसी भी प्रकार से घाटे का सौदा नहीं बनने देंगे। खेती के लिये सबसे जरूरी सिंचाई को 7.5 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 36 लाख हेक्टेयर किया गया है। अब इसे बढ़ाकर 50 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। मालवा क्षेत्र में किसानों के सूखे खेतों को पानी देने के प्रयासों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नर्मदा से क्षिप्रा को जोड़ा गया है।
अब नर्मदा को गंभीर नदी से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा केन-बेतवा नदी जोड़ परियोजना पर भी काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि बड़े और मध्यम बाँधों से सिंचाई की क्षमता बढ़ी है। अब लघु सिंचाई योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा निर्माण किया जाएगा। सिंचाई का रकबा बढ़ाने का अभियान लगातार जारी रहेगा।
श्री चौहान ने कहा कि किसानों को तीन फेस पर बिजली देने के लिए सब्सिडी दी जाएगी। किसानों को 12 हजार करोड़ रूपए की सबसिडी दी गई है। इससे खेती के उत्पादन की लागत घटाने में मदद मिलेगी। साथ ही शून्य प्रतिशत पर ब्याज भी दिया जा रहा है।
किसानों को जितनी ज्यादा से ज्यादा राहत दे सकते हैं उन्हें दी जाएगी। यहाँ तक कि एक लाख रूपए के कर्ज पर सिर्फ 90 हजार रूपए वापस लौटाने जैसे कदम उठाये गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उद्यानिकी के क्षेत्र से भी जोड़ने का अभियान शुरू किया जाएगा।
ग्रीन हाऊस, पॉलीकल्चर, ड्रिप सिंचाई से उन्हें जोड़ा जाएगा। उन्होंने किसानों से कहा कि सबसे बड़ी जरूरत फसल चक्र बदलने की है। एक ही खेत में हर साल एक ही प्रकार की फसल लगाने से उत्पादकता प्रभावित होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार सोयाबीन की अच्छी फसल की उम्मीद थी, लेकिन अवर्षा से नुकसान हुआ। ऐसी स्थिति में पहली बार उत्पादन और आनावारी के आधार पर सर्वेक्षण कर राहत देने की पहल की गई है। इस प्रकार 3000 करोड़ की राहत राशि किसानों को दी जाएगी। फसल बीमा योजना की भी लगभग इतनी ही राशि किसानों के खाते में जाएगी। इसके अलावा पिछले साल की खरीफ की फसल बीमा राशि 515 करोड़ रूपए उपलब्ध हो गई है।
श्री चौहान ने कहा कि केवल राहत देना पर्याप्त नहीं है और भी कदम उठाना पड़ेंगे। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि जहाँ फसल अच्छी आयी है वहाँ के किसान ऋण की राशि बैंकों को लौटाये। जहाँ फसल नहीं है वहाँ कर्ज वसूली स्थगित कर दी गई है और अल्पावधि के कर्ज को मध्यावधि के कर्ज में बदल दिया गया है। साथ ही एक साल के ब्याज का कर्ज भी राज्य सरकार चुकाएगी।
साहूकार किसानों पर कर्ज वसूली का दबाव न डालें
मुख्यमंत्री ने किसानों को बताया कि सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दे दिए गए हैं कि यदि साहूकार किसानों से कर्ज वसूली का दबाव डालें तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। जिन किसानों ने बँटाई पर खेती ली थी उन्हें भी राहत की राशि दी जाएगी। जिन किसानों ने बँटाई पर खेती दी थी वे भी ऐसे समय वसूली का दबाव नहीं डालें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रबी की फसल अच्छी आए इसके लिए किसानों को हर जरूरी मदद की जा रही है। बिजली के बिल की वसूली स्थगित की गई है। यदि ट्रांसफार्मर जल गए हैं तो ट्रांसफार्मर के लिए 50 प्रतिशत की बजाए 10 प्रतिशत राशि जमा करने पर ट्रांसफार्मर लग जाएंगे। श्री चौहान ने कहा कि बिजली और पानी बचाने के लिए भी स्वप्रेरणा से पहल करें। बिजली बचाने वाले बल्ब का इस्तेमाल करें और कम बिजली खपत वाली मोटर चलाये।
श्री चौहान ने कहा कि बड़े बाँधों में रबी की फसल के लिए काफी पानी है इससे 28 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो पाएगी। जिन क्षेत्रों में कम पानी हैं वहाँ कम पानी में होने वाली फसल लगाये। श्री चौहान ने कहा कि संकट के समय जिन किसानों के यहाँ बेटियों की शादियाँ थी उनकी शादी नहीं रूकेगी।
राज्य सरकार बेटियों की शादी के लिए 25 हजार रूपए तक की राशि उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि किसी भी प्रकार की चिंता नहीं करें। उन्होंने बताया कि गरीब लोगों को 20X30 का आवासीय पट्टा देने के लिए अभियान जल्दी ही प्रारंभ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के लिए वैकल्पिक रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए कृषि की टास्क फोर्स की बैठक जल्दी होगी। उसमें फसल चक्र बदलने के संबंध में भी विचार होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को पशुपालन जैसे वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए कार्य-योजना बनाई जा रही है।
किसानों के सवाल – मुख्यमंत्री के जवाब
सतना के श्री बलराम, कोसमी के श्री तुलसीराम परस्ते, श्री रामकृष्ण उपाध्याय, राजगढ़ के श्री दिनेश महाजन, शहडोल के श्री केदार सिंह बघेला, भोपाल के श्री मदनमोहन गुप्ता, भोपाल के श्री अशोक श्रीवास्तव, श्योपुर के श्री गिरिराज मीना, बैतूल के श्री पंजाबराव कोड़ाकर और मैहर के श्री विजय मिश्रा ने मुख्यमंत्री से सवाल किए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों को राहत की बड़ी राशि के वितरण के अनुमति देने के लिए नवम्बर माह के पहले सप्ताह में एक दिन का विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को इतनी बड़ी राशि देने के लिए राज्य सरकार को कर्ज लेना होगा। राहत की राशि बड़ी राशि है इसका प्रभाव बजट पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कर्ज तो वापिस चुका देंगे लेकिन संकट में आज किसानों को मदद देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि राहत राशि के वितरण में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा।
किसानों की मदद करें – मुख्यमंत्री राहत कोष में सहायता दें
श्री चौहान ने टीकमगढ़ जिले में अध्यापकों द्वारा एक महीने के वेतन की राशि किसानों की राहत के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का उदाहरण देते हुए कहा कि पूरा प्रदेश किसानों के साथ खड़े होने का संदेश दे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एक परिवार है। यदि किसान खुश है तो नागरिक भी मुस्कुरायेंगे। किसानों को राहत देने के लिए आगे आये। राहत कोष में जितना बन पड़े, सहयोग राशि दें।
उन्होंने कहा कि विकास के काम भी रोकना पड़ा है। आज किसान जरूरी है, विकास के काम भविष्य में भी पूरे हो जायेंगे। श्री चौहान ने कहा कि खेती की लागत बढ़ती जा रही है लेकिन मुनाफा नहीं बढ़ रहा है इस पर भी विचार किया जाएगा। ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी कि बिचौलियों को मिलने वाली राशि किसानों को मिले।
श्री चौहान ने कहा कि शहडोल, अनूपपुर, मुरैना जिलों में सूखा भयावह है। उन्होंने कहा वे स्वयं इन जिलों के गाँवों का दौरा करेंगे। श्री चौहान ने किसानों से पानी बचाने की अपील करते हुए कहा कि भविष्य में ज्यादा से ज्यादा किसानों को टपक सिंचाई और स्प्रिंकलर आधारित सिंचाई की योजना से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन किसानों का खुद का ट्यूबवेल और कुंआ है वह टपक सिंचाई और स्प्रिंकलर का उपयोग करें।