• August 3, 2018

मिड-डे-मील योजना एवं अन्नपूर्णा दूध योजना –जिलेवार औचक सघन निरीक्षण

मिड-डे-मील योजना एवं अन्नपूर्णा दूध योजना  –जिलेवार  औचक सघन निरीक्षण

जयपुर————— विद्यालयों में मिड-डे-मील योजना एवं अन्नपूर्णा दूध योजना के क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति का आकलन करने के लिए जिलेवार औचक सघन निरीक्षण की कार्यवाही की जायेगी।

शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान मिड-डे-मील के अंतर्गत विद्यालयों में भोजन की गुणवत्ता और पर्यवेक्षण व्यवस्था के बारे में विशेष रूप से जांच किए जाने और इस संबंध में अधिकारियों को समयबद्ध रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के सहयोग से शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के प्रत्येक जिले में सघन निरीक्षण के दौरान अन्नपूर्णा दूध योजना के अंतर्गत दूध की गुणवत्ता, दूध उपलब्धता के स्त्रोत, निरीक्षण दिवस को क्रय किये गये दूध की मात्रा, लाभान्वितों की संख्या, दूध वितरण के समय आदि के बारे में जानकारी ली जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि विद्यालयों में दूध गुणवत्ता जांच के लिए लेक्टोमीटर है भी अथवा नहीं।

मिड-डे-मील के अंतर्गत विद्यालयों में खाद्यान्न की स्थिति, विद्यालय में जहां भोजन तैयार होता है वहां की साफ-सफाई, बर्तन, उपलब्ध खाद्यान्न के रख-रखाव, खाद्यान्न भंडारण की समुचित व्यवस्था आदि के बारे में जानकारी ली जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि विद्यालय में तैयार भोजन मैन्यू के अनुसार है भी अथवा नहीं।

श्री देवनानी ने बताया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर राजस्थान वह अग्रणी राज्य है जहां पर दूध पोषाहार की व्यवस्था विद्यालयों में सुनिश्चित की गयी है।

उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि वे स्वयं विद्यालयों में जाएं और मिड-डे-मील के अंतर्गत विद्यार्थियों को दिए जाने वाले भोजन और दूध पोषाहार की गुणवत्ता की जांच करें।

उन्होंने कहा कि औचक सघन निरीक्षण अभियान का उद्देश्य यही है कि मिड-डे-मील और अन्नपूर्णा दूध योजना का व्यवहार में गुणवत्तापूर्ण समुचित लाभ प्रदेश के विद्यार्थियों को मिले। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी प्रकार की कोताही अथवा लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि सघन निरीक्षण के लिए जिलेवार विशेष दलों का गठन किया जाएगा। इस संबंध में जिला कलेक्टरों को भी औचक सघन निरीक्षण में शिक्षा अधिकारियों को सहयोग और समन्वय के लिए कहा गया है।

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