माहवारी के दौरान महिला के अपवित्र होने की धारणा गलत- जिला कलक्टर

माहवारी के दौरान महिला के अपवित्र होने की धारणा गलत- जिला कलक्टर

प्रतापगढ़———- माहवारी के दौरान महिलाए अपवित्र होती है, किसी भी प्रकार के घरेलु कार्य को नहीं कर सकती यह धारणा पुरी तरह से गलत है।

यह एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है जो दुनिया में जन्म लेने वाली प्रत्येक स्वस्थ्य महिला के साथ घटती है। हमारे समाज के कुछ लोगों ने इस सामान्य प्रक्रिया को अंधविश्वास के साथ जोड़ दिया था जिस कारण से महिलाओं के साथ पूर्व में इस काल के दौरान दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता रहा है।

यह विचार राजकीय महाविद्यालय आॅडिटोरियम प्रतापगढ़ में जिला परिषद तथा राजीविका के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण की आमुखीकरण कार्यशाला में जिला कलक्टर श्यामसिंह राजपुरोहित द्वारा व्यक्त किये गए।

जिला कलक्टर ने राजीविका स्वयं सहायता समुहों की महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब समय बदल गया है इसलिये इस रूढ़ीवादी सोच से स्वयं को बाहर लाना आवश्यक है। इस अवसर पर अरनोद ब्लाॅक की राजीविका परियोजना के द्वारा तैयार किये सुरक्षा सेनेटरी नेपकिन बिक्री का विमोचन भी किया गया।

राजीविका कार्यशाला की शुरूआत सरस्वती पूजन के साथ हुई जिसके बाद उपस्थित महिलाओं ने समुह बनाने चल पडे है लोग मेरे गांव के गीत गा कर अपनी एकता का परिचय दिया। कार्यशाला में मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ. वीसी गर्ग द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से शाॅर्ट मुवी दिखाई एवं महिलाओं को स्वछता के प्रति जागरूक किया। उन्होंने उपस्थित प्रत्येक महिला को आवश्यक रूप से दो गड्ढों वाला शौचालय बनाने हेतु निर्देश दिये।

राजीविका जिला परियोजना प्रबंधक दिनेश पारिक ने महिला के जीवन में सेनेटरी नेपकिन की आवश्यकता पर चर्चा करते हुए इसे स्वच्छ और स्वस्थ्य शरीर हेतु आवश्यक बताया। साथ ही बताया कि सुरक्षा सेनेटरी नेपकिन प्रगती सीएलएफ अरनोद, जागृती सीएलएफ चूपना, उन्नति सीएलएफ दलोट तथा कीर्ति महिला सीएलएफ बडी साखथली द्वारा तैयार किया जा रहा है जिसे समुह सदस्यों के माध्यम से वितरित किया जाएगा।

उन्होंने बताया इस प्रकार के क्रियाकलापों के माध्यम से राजीविका महिलाओ की आजीविका बढ़ाने हेतु प्रयासरत है। ब्लाॅक परियोजना प्रबंधक दिनेश सोनी ने भी महिलाओं को नेपकिन के उपयोग हेतु प्रेरित किया जिससे वह निरोगी रहे। कार्यशाला में राजीविका डिपीएम दिनेश पारिक, दिनेश सोनी, प्रबंधक वित्त राजेन्द्र सिंह देवडा, जिला प्रबंधक संजय दखानी, बीपीएम गिरधारी लाल, दिपक चौबीसा, दिलीप शर्मा, गोपाल सिंह राजपुत, भरत सोनी सहित अनेक कार्मिक उपस्थित रहे। कार्यशाला में उपस्थित महिलाओं को शौचालय निर्माण की शपथ भी दिलाई गई। कार्यशाला का संचालन अनिल तथा संजय दखानी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया आभार प्रबंधक वित्त राजेन्द्र सिंह देवडा द्वारा व्यक्त किया गया।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply