मार्कफेड : 21 हजार 257 करोड़ 14 लाख रूपए :: महिला कोष की ऋण योजना

मार्कफेड : 21 हजार 257 करोड़ 14 लाख रूपए :: महिला कोष की ऋण योजना

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (०००००००००००००००००००००००००) की चौदहवीं वार्षिक आमसभा में चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिये  प्रस्तावित 21 हजार 257 करोड़ 14 लाख रूपए के बजट का अनुमोदन किया गया। आमसभा में संघ के व्यावसायिक क्रियाकलापों- रासायनिक उर्वरक, चावल मिलों के संचालन तथा भण्डारण का लक्ष्य एवं पूर्ति का भी अनुमोदन किया गया।

यह बैठक सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम गृह में आयोजित की गयी। बैठक की अध्यक्षता संघ की अध्यक्ष श्री राधाकृष्ण गुप्ता ने की। श्री गुप्ता ने आमसभा में बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कुशल नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य प्रदान किया जा रहा है और उपार्जित धान का निराकरण कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि संघ द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 में उपार्जित 63 लाख 10 हजार मीटरिक टन धान का निराकरण कर लिया गया है, जिसका कुल मूल्य 8 हजार 671 करोड़ 65 लाख रूपए है। चालू खरीफ वर्ष 2015-16 के लिए 70 लाख मीटरिक टन धान उपार्जन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए आवश्यक राशि रूपए 9 हजार 968 करोड़ और बारदाना खरीदी के लिए 955 करोड़ 50 लाख रूपए की आवश्यकता होगी।

श्री गुप्ता ने बताया कि संघ की नवीन कार्य योजना के तहत धान संग्रहण केन्द्रों में 40 मीटरिक टन तौलाई क्षमता का धर्मकांटा की स्थापना 65 धान संग्रहण केन्द्रों में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुराने हो चुके किसान राइस मिलों के आधुनिकीकरण और नये राइस मिलों की स्थापना के लिए उप समिति का गठन किया गया है।

आम सभा में संघ के प्रबंध संचालक डॉ. एस. भारतीदासन ने संघ की व्यावसायिक उपलब्धियों और बजट की रूपरेखा से सदस्यों को अवगत कराया। आमसभा में अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज सहित संघ के पदाधिकारी श्री लखन लाल साहू, श्री शशिकांत द्विवेदी, श्रीमती हेमलता परते और संचालक मण्डल के सदस्य सर्वश्री दयाराम साहू, पी.आर. नाईक, द्वारिका प्रसाद सोनी, भैयालाल जायसवाल, धनीराम बारसे, जेठूराम दुग्गा, केदार प्रसाद गुप्ता, रंजित पाण्डेय एवं तीरथ मोहन यादव सहित संघ के अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

महिला कोष की ऋण योजना००००    महिला कोष की ऋण योजना०००००००००००००राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना में पिछले करीब साढ़े बारह वर्षों में 28 हजार 324 महिला स्व-सहायता समूहों को व्यवसाय के लिए 51 करोड़ 94 लाख 80 हजार रूपए ऋण प्रदान किया गया। महिला समूहों को आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ में वर्ष 2003 से छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना संचालित है।

इस योजना में महिला समूहों को (सितम्बर 2013 से) केवल तीन प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज दर पर पहली बार में 50 हजार रूपए तक का ऋण   दिया जाता है। इस ऋण राशि की वापसी के बाद दूसरी बार दो लाख रूपए तक ऋण प्रदान करने का प्रावधान है। महिला समूहों से जुड़ी राज्य की महिलाएं महिला कोष की मदद से कोसा कृमि पालन, मुर्गीपालन, पशुपालन, मशरूम उत्पादन, लाख की खेती,  बांस शिल्प, काष्ठशिल्प, फिनाइल, अगरबत्ती, दोना पत्तल निर्माण, अचार, मसाला, सिलाई-कढ़ाइर्, बड़ी, पापड़, दलिया, मुरब्बा और छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के निर्माण सहित विभिन्न आमदनी मूलक गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि योजना के तहत वर्ष 2003-04 में 679 महिला समूहों को 33 लाख सात हजार रूपए, वर्ष 2004-05 में एक हजार 712 समूहों को 93 लाख तीन हजार, 2005-06 में दो हजार 203 समूहों को एक करोड़ 40 लाख 20 हजार रूपए, वर्ष 2006-07 में दो हजार 504 समूहों को दो करोड़ 35 लाख 26 हजार रूपए, वर्ष 2007-08 में तीन हजार 20 समूहों को तीन करोड़ 26 लाख 14 हजार रूपए, वर्ष 2008-09 में तीन हजार 362 समूहों को तीन करोड़ 97 लाख चार हजार रूपए, वर्ष 2009-10 में दो हजार 612 समूहों को पांच करोड़ 68 लाख 86 हजार रूपए, वर्ष 2010-11 में दो हजार 187 समूहों को पांच करोड़ 22 लाख 85 हजार रूपए, वर्ष 2011-12 में दो हजार 50 समूहों को पांच करोड़ 51 लाख दस हजार रूपए, वर्ष 2012-13 में दो हजार 899 समूहों को छह करोड़ 24 लाख रूपए, वर्ष 2013-14 में एक हजार 705 समूहों को चार करोड़ 87 लाख 25 हजार रूपए, वर्ष 2014-15 में दो हजार 454 महिला समूहों को आठ करोड़ 95 लाख 90 हजार रूपए और वर्ष 2015-16 में अक्टूबर तक की स्थिति  में 937 महिला समूहों को तीन करोड़ 20 लाख दस हजार रूपए ऋण प्रदान किए गए। छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना में महिला समूहों को पहली बार दिए ऋण राशि की वसूली 24 किश्तों में तथा दूसरी बार दिए ऋण राशि की वसूली 36 किश्तों में प्रदान करने का प्रावधान है। ऋण की वसूली ऋण प्रदान करने के तीन माह बाद शुरू हो जाती है।

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