मातृ दिवस पर बधाई —— सुलेखा डोगरा

मातृ दिवस पर बधाई —— सुलेखा डोगरा

माँ’ केवल एक शब्द नहीं, बल्कि वो अपने आप में एक घर है, पूरा संसार है, जिसमें हम सुख शांति से रहते हैं.इस एक अक्षर की महिमा का वर्णन करना इतना आसान नहीं। हम चाहें या न चाहे अनजाने में ही सही, हर बिपता में अन्यास ही मुंह से निकल जाता है”

ओह माँ

त्याग , दया और ममता के मिश्रण से ऐसा घोल बनाया
क्षमा, स्नेह, धैर्य और अनेक गुणों से सुसज्जित कर
ईश्वर ने माँ को धरती पर लाया
सागर से भी गहरी है माँ , गंगा जैसी पावन

अम्बर सी विशाल ह्रदय , ऋतुओं में सुखमय सावन
उसकी गोद में सर रखकर, सुख चैन की नींद है पाते
प्यार भरा जब हाथ हो सर पर , हम धन्य हो जाते
संतान के सुख में जीती है वह, दुःख में धीर बँधाये

बन कर आशा की किरण ,हर मुश्किल पार कराये
माँ इश्वर का वो वरदान है , जिसकी महिमा बड़ी अपार
हर पीड़ा को हर लेती है , बरसे बनकर मीठी फुहार
माँ इश्वर का सवरूप है , बिन मांगे खुशियां देती ,
बच्चो की मुस्कान में माँ , जीवन का हर सुख है पा लेती

नमन करती हूँ माँ तुम्हे ,यह जीवन तुमसे पाया
परछाई हूँ माँ मैं तेरी , तेरे सन्मुख शीश झुकाया

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