माँ डॉ. हंसाजी योगेंद्र को इंडियन योग एसोसिएशन (आईवाईए) का प्रेसीडेंट

माँ डॉ. हंसाजी योगेंद्र को इंडियन योग एसोसिएशन (आईवाईए) का  प्रेसीडेंट

योग संस्थान (अभिषेक वर्मा ) मुंबई की निदेशक माँ डॉ. हंसाजी योगेंद्र को इंडियन योग एसोसिएशन (आईवाईए) का नया प्रेसीडेंट चुना गया है। 19 फरवरी, 2022 को आयोजित इंडियन योग एसोसिएशन की 7 वीं आम सभा की बैठक में यह फैसला किया गया।

इंडियन योग एसोसिएशन योग संगठनों का एक स्व-नियामक निकाय है, जिसकी स्थापना 31 अक्टूबर 2008 को की गई थी। वर्तमान में एसोसिएशन 42 सदस्य संस्थानों, 123 सहयोगी केंद्रों और 9 अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों का एक बड़ा और एकजुट परिवार है।

इंडियन योग एसोसिएशन का उद्देश्य योग और इससे संबंधित अभ्यास को बढ़ावा देना और उन्हें आगे बढ़ाना है। साथ ही, एसोसिएशन योग से संबंधित विभिन्न प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों और कार्यक्रमों के लिए पाठ्यक्रम का निर्धारण करता है, और विभिन्न स्तरों पर योग और इसके अनुप्रयोगों में अनुसंधान करने के लिए दिशानिर्देश भी निर्धारित करता है।

प्रेसीडेंट पद के लिए चुने जाने पर डॉ. हंसाजी ने कहा, ‘‘इंडियन योग एसोसिएशन के प्रेसीडेंट पद पर निर्वाचित होने पर मैं अपने आप को सम्मानित महसूस कर रही हूं। योग मेरे जीवन का तरीका है, और मैंने न केवल अपने जीवन में, बल्कि उन लाखों लोगों के जीवन में भी इसकी परिवर्तनकारी शक्ति देखी है जिनसे मैं योग संस्थान या योग से संबंधित दूसरे वैश्विक कार्यक्रमों में मिलती रही हूं। मेरा आज भी पक्का यकीन है कि तेजी से भागती दुनिया को दैनिक तनाव और शारीरिक बीमारियों को दूर करने के लिए योग के चिकित्सीय लाभों की आवश्यकता है। दरअसल योग एक ऐसा समग्र दृष्टिकोण है, जो हम सभी को आधुनिक दौर की कई समस्याओं जैसे मोटापा, अनिद्रा, मानसिक तनाव और ऐसी दूसरी मुश्किलों को दूर करने में मदद कर सकता है।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘दुनियाभर में हर घर में योग की अच्छाई और इसके फायदों का प्रसार करने के मामले में इस पद को संभालना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। हमेशा की तरह मैं इस मिशन पर लगन से अपना प्रयास जारी रखूंगी। आज मेरा लक्ष्य भारत को योग के मामले में कमान संभालते देखना है। चूंकि योग का जन्म भारत में हुआ है, इसलिए इन नियमों और विनियमों को यहां भी स्थापित किया जाना चाहिए।’’

डॉ. हंसाजी का जीवन योग का एक जीवंत प्रतीक है। अब तक उन्होंने योग, स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य पर 50,000 से अधिक शक्तिशाली सत्र आयोजित किए हैं और अपने गहन ज्ञान से लाखों लोगों को व्यक्तिगत रूप से परामर्श दिया है। पिछले पांच दशकों में, उन्होंने योग शिक्षा, अनुसंधान, अनुभवात्मक अधिगम, योग प्रथाओं और प्रबंधन के मानकीकरण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

‘प्रथम महिला योग शिक्षिका’ के रूप मंे प्रतिष्ठित डॉ. हंसाजी ने भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ ‘प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ (21 जून 2015-नई दिल्ली) पर मंच साझा करने वाली एकमात्र महिला योग गुरु बनकर देश को गौरवान्वित किया। हंसाजी ने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, हांगकांग, संयुक्त राज्य अमरीका, आदि अनेक देशों में योग पर कई सेमिनार और व्याख्यान यात्राएं की हैं। डॉ. हंसाजी जे योगेंद्र को योग के क्षेत्र में असाधारण योगदान और उत्कृष्टता के लिए लंदन में ब्रिटिश संसद में भारत गौरव पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

योग संस्थान की स्थापना 1918 में प्रसिद्ध योग गुरु श्री योगेंद्रजी ने की थी, जिन्हें आधुनिक योग पुनर्जागरण के जनक के रूप में भी जाना जाता है। संस्थान ने 25 दिसंबर 2018 को अपनी शताब्दी का जश्न मनाया। संस्थान की शताब्दी के समारोह में भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी भाग लिया। यह एक गैर-लाभकारी संगठन है और दुनिया में योग का सबसे पुराना संगठित केंद्र है। संस्थान के पास योग के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करने की एक लंबी विरासत है, जिसमें ‘गृहस्थ योग’ आंदोलन के साथ-साथ कई सामाजिक पहल जैसे अन्नम ब्रह्मा (वंचितों के लिए मुफ्त भोजन), मुफ्त चिकित्सा स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान अभियान, सैन्य और पुलिस समग्र स्वास्थ्य कार्यक्रम, नगरपालिका और पश्चिमी रेलवे कर्मचारी कल्याण कार्यक्रम जैसे आयोजन शामिल हैं। 2016 में डॉ. हंसाजी के मार्गदर्शन में योग इंस्टीट्यूट, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की एक योजना के तहत क्यूसीआई (क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया) द्वारा प्रमाणित होने वाला भारत का पहला योग शिक्षक प्रशिक्षण स्कूल बना।

संपर्क
अभिषेक वर्मा
Associate Account Executive | Mumbai
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