मनरेगा भुगतान—10 करोड़ रुपए का भुगतान

मनरेगा भुगतान—10 करोड़ रुपए का भुगतान

राजनांदगांव — ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा भुगतान संबंधी शिकायतों के लिए लोगों को भटकना नहीं पड़े इसके लिए पहल करते हुए जिला प्रशासन ने सभी ग्राम पंचायतों में शिविर लगाए।

एक पखवाड़े तक इन शिविरों में आवेदन इकट्ठे किए गए और शिविरों की समाप्ति के तुरंत बाद 10 करोड़ रुपए का भुगतान मनरेगा श्रमिकों को कर दिया गया। जिला पंचायत सीईओ श्री चंदन कुमार ने बताया कि मनरेगा भुगतान के संबंध में लोगों को भटकना नहीं पड़े, गांव में पहुँचकर लोगों की समस्या सुनी जाए, इसके लिए कलेक्टर श्री भीम सिंह के मार्गदर्शन में सभी ग्राम पंचायतों में शिविर लगाने का निर्णय किया गया।

शिविर में लोगों से मनरेगा भुगतान के संबंध में और मनरेगा से जुडी हुई अन्य किसी समस्या के बारे में पूछा गया। शिविरों में प्राप्त सभी आवेदनों को संकलित कर राज्य स्तर पर भेजा गया और इनका निराकरण किया गया। इसके पश्चात 11 करोड़ रुपए की राशि में से 10 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।

उल्लेखनीय है कि शिविरों में एक फार्मेट भी अधिकारियों को उपलब्ध कराया गया था। इसमें तकनीकी दिक्कतों को श्रेणी बनाई गई थी जिसकी वजह से पेमेंट बाधित हो सकता था। शिविर में अधिकतर मामलों में श्रमिकों ने बताया कि उनका पेमेंट दो महीने से लंबित हैं।

राज्य स्तर पर इन्हें भेजा गया। इसके बाद दस करोड़ रुपए की राशि रिलीज हुई है। शेष एक करोड़ रुपए की राशि भी शीघ्र ही जारी हो जाएगी। शिविरों में पाया गया कि कुछ हितग्राहियों के खाते में राशि हस्तांतरित हो गई थी लेकिन वे इससे अद्तयन नहीं थे।

कुछ मामलों में निष्क्रिय आधार होने से भुगतान रिजेक्ट हो गया। कुछ मामलों में हितग्राहियों के खाते डारमेंट थे। इन सभी दिक्कतों को शिविर में दूर किया गया एवं भुगतान की कार्रवाई के लिए राज्य स्तर पर भेजा गया।

सवा दो लाख ग्रामीणों को मिला काम –

वर्ष 2018-19 में मनरेगा में जिले में सवा दो लाख ग्रामीणों को काम मिला। इस तरह से राजनांदगांव जिले में 85 लाख रोजगार दिवस सृजित हुआ। जिले में वर्ष 2018-19 में 152 करोड़ रुपए का भुगतान मनरेगा श्रमिकों को किया जा चुका है।
हर ग्राम पंचायत में स्वीकृत कराएं पांच बड़े कार्य –

श्री कुमार ने सभी जनपद सीईओ को प्रत्येक ग्राम पंचायत में मनरेगा के पांच बड़े कार्य स्वीकृत कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूर्व की तरह ही जलसंरक्षण एवं जलसंवर्धन के कार्य को प्राथमिकता से स्वीकृत करें।

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