• February 11, 2018

मधुमक्खी पालन सेमीनार—कुरूक्षेत्र में शहद उत्कृष्टता केंद्र

मधुमक्खी पालन सेमीनार—कुरूक्षेत्र में शहद उत्कृष्टता केंद्र

झज्जर (जनसंपर्क विभाग)———–हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि किसानों की अच्छी आमदनी हो इसके लिए किसानों को उद्यमशील बनना होगा।
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मधुमक्खी पालन इसी उद्यमशीलता का एक हिस्सा है और ऐसे अनेक उदाहरण है जहां प्रदेश में मधुमक्खी पालक मधुमक्खी पालन के माध्यम से लाखों-करोड़ों का टर्नओवर ले रहे हैं। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड की ओर से प्रायोजित राज्य स्तरीय मधुमक्खी पालन सेमीनार में बतौर मुख्यअतिथि मधुमक्खी पालकों तथा किसानों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा राज्य सरकार ने भी इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए कुरुक्षेत्र के रामनगर में शहद के बेहतर उत्पादन के लिए इजरायल के साथ मिलकर एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया है।

श्री धनखड़ ने कहा कि केवल परंपरागत फसलों के भरोसे किसानों में समृद्धि नहीं आ सकती। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शहद उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश की हिस्सेदारी इतनी अधिक होनी चाहिए कि हरियाणा प्रदेश को दूध व दही के साथ-साथ शहद वाले प्रदेश के रूप में भी पहचान मिले।

इस क्षेत्र में काम कर रहे तथा नए मधुमक्खी पालकों से उन्होंने आह्वान किया कि वे कुरुक्षेत्र के सरकार की ओर से स्थापित किए गए उत्कृष्टता केंद्र में जरूर जाएं और मधुमक्खी पालन की आधुनिक तकनीक के साथ इस व्यवसाय की सभी बारीकियां हासिल कर इस क्षेत्र में अधिक निपुणता के साथ काम करें।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने सेमीनार में उपस्थित मधुमक्खी पालकों एवं किसानों से सीधा संवाद करते हुए इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा दौर में किसानों के लिए सबसे जरूरी बात यह भी है कि वे अपने उत्पाद को बेचने में महारत हासिल करें।

उन्होंने कहा यह अच्छा संयोग है कि हरियाणा प्रदेश राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ सटा हुआ है और यहां हर तरह के उत्पाद की अंतराष्ट्रीय मार्केट उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि किसान उत्पादन के साथ-साथ इस बात की भी समय रहते पहचान करने का हुनुर सीखें कि किस समय किस उत्पाद की कितनी मांग है। किसानों ने अपने उत्पादन को स्वयं बेचना सीख लिया तो निश्चित तौर पर किसानों का मुनाफा कई गुणा बढ़ जाएगा।

उन्होंने इस बात पर भी बल दिया है कि उत्पादन की गुणवत्ता भी किसान बेहतर रखेंगे तो अपने मर्जी से उत्पादन की कीमत भी तय कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि सिंधु ग्रामोद्योग समिति की ओर से आयोजित इस राज्य स्तरीय सेमीनार का उद्देश्य भी है कि प्रगतिशील एवं क्षेत्र के सफल मधुमक्खी पालक अपने अनुभव सांझा कर सकें जिसका फायदा नए मधुमक्खी पालक किसानों को भी मिल सके।

सेमीनार में इस क्षेत्र में वैज्ञानिक तथ्यों से विषय विशेषज्ञों द्वारा मधुमक्खी पालन के संदर्भ में आवश्यक जानकारियां सांझा की गई।

कृषि मंत्री ने इस मौके पर मधुपालन क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए महिला मधुमक्खी पालक पूनम निवासी हिसार, प्रमिला निवासी जींद तथा अंजू निवासी करनाल को सम्मानित भी किया।

सेमीनार में मधुमक्खी पालकों को राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के निर्देशक डा. बी.एल. सारस्वत ने भी संबोधित किया। कृषि मंत्री ने राज्य स्तरीय मधुमक्खी पशुपालन सेमिनार में हरियाणा में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने पर कार्यदल की रिपोर्ट तथा समारिका का विमोचन किया।

इस मौके पर हरियाणा किसान आयोग के सदस्य सचिव डा. रणजीत सिंह दलाल, डा. अजय यादव, डा. बिल्लू यादव, जिला परिषद के उपाध्यक्ष योगेश सिलानी, सुनीता चौहान, सुनीता धनखड़, धर्मेंद्र बबलू, पवन छिल्लर व जिला उपाध्यक्ष बिजेंद्र मांडोठी सहित प्रदेश भर से पहुंचे उन्नत मधुमक्खी पालक भी उपस्थित रहे।

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