• June 9, 2022

मंत्रिपरिषद का अनुमोदन : वस्त्र एवं चर्म नीति , 2022

मंत्रिपरिषद  का अनुमोदन   :  वस्त्र  एवं  चर्म  नीति ,  2022

बिहार सरकार उद्योग विभाग
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➢ बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के अंतर्गत बिहार में उद्योग लगाने के लिए अनेक सुविधाएँ उद्यमियों को प्रदान की जा रही है। इन सुविधाओं में ब्याज अनुदान की प्रतिपूर्ति, भूमि सम्परिवर्तन शुल्क की प्रतिपूर्ति 100 प्रतिशत, भूमि के निबंधन एवं स्टाम्प ड्यूटी की प्रतिपूर्ति 100 प्रतिशत, ब्याज अनुदान की प्रतिपूर्ति प्राथमिक क्षेत्र की इकाइयों के लिए अनुमोदित परियोजना लागत का 30 प्रतिशत एवं गैर प्राथमिकता क्षेत्र की इकाइयों के लिए अनुमोदित परियोजना लागत का 15 प्रतिशत देय है, जिसकी अधिकतम सीमा 10 करोड़ होगी। कर से संबंधित अनुदान अप्राथमिक क्षेत्र के लिए अनुमोदित परियोजना लागत का 70 प्रतिशत प्राथमिकता क्षेत्र की इकाइयों के लिए परियोजना लागत का 100 प्रतिशत देय है।


➢ इसके अतिरिक्त अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज/महिलाआंे, दिव्यांग, वार विडो, एसिड अटैक के शिकार तथा थर्ड जेन्डर उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज।

➢ उच्च प्राथमिकता क्षेत्र वाले इकाइयों के लिए स्टाम्प शुल्क/पंजीकरण शुल्क में छूट
एवं भूमि सम्परिवर्तन शुल्क में छूट/ब्याज आर्थिक सहायता अनुमोदित परियोजना लागत का 50 प्रतिशत होगी, इसकी अधिकतम सीमा 20 करोड़ होगी/कर संबंधी प्रोत्साहन/नियोजन खर्च सहायता/कौशल विकास सहायता।

➢ बिहार राज्य की जनसंख्या लगभग 14 करोड़ होने के कारण यह अपने आपमें एक बड़ा उपभोक्ता बाजार है एवं साथ ही नेपाल, भूटान, बांग्लादेश तथा पड़ोसी राज्यों में भी वस्त्र एवं चर्म से बनी हुई वस्तुओं को भेजने हेतु उपर्युक्त स्थान है। राज्य में इस प्रकार के उद्योगों के लिए कुशल कारीगरों की कमी नहीं है तथा राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं द्वारा इसमें सहयोग कर रही है।

➢ वस्त्र एवं चर्म उद्योग में अन्य उद्योगांे के मुकाबले समान राशि के निवेश पर अधिक लोगों को रोजगार मिल सकता है। साथ ही बड़े उद्योगों के साथ-साथ मंझौले एवं छोटे उद्योगों द्वारा भी इस क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ाने में सहायता दी जा सकती है। बिहार सरकार द्वारा बनायी गयी वस्त्र एवं चर्म विकास हेतु नीति का सहायता लेते हुए राज्य के सभी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में उद्योग लगाये जा सकते हैं।

➢ देश के विभिन्न क्षेत्रों यथा तिरूपुर, सूरत, अहमदाबाद, मुम्बई, चण्डीगढ़ इत्यादि जगहों पर टेक्सटाईल प्रक्षेत्र के औद्योगिक इकाईयों में काम करने वाले अधिकांश कुशल एवं अर्द्धकुशल कामगार बिहार राज्य के ही है।

➢ कोरोना काल में लौटे हुए कामगारों में सबसे ज्यादा कामगार वस्त्र एवं चर्म प्रक्षेत्र के ही थे। लौटे हुए कामगारों की सहायता के लिए बनाई गयी जिला औद्योगिक नवप्रवत्र्तन योजना के अंतर्गत
पश्चिमी चंपारण जिले के चनपटिया में लौटे हुए कामगारों के माध्यम से स्टार्टअप जोन की स्थापना की गई। राज्य के अन्य जिलों में भी जिला औद्योगिक नवप्रवत्र्तन योजना के अंतर्गत 61 टेक्सटाईल संबंधी कलस्टरों की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना अंतर्गत पूरे राज्य में अबतक टेक्सटाईल संबंधी 441 उद्यमों की स्थापना की गई है तथा 237 नये उद्यम स्थापना के विभिन्न चरणों में है।

➢ बिहार औद्योगीकरण के एक नए युग की ओर बढ़ रहा है। राज्य सतत् औद्योगीकरण और आर्थिक विकास के पथ पर आगे बढ़ने के लिए तेजी से कदम उठा रहा है।

➢ यह एक नया बिहार, जो व्यवसायों को स्थापित करने और तेजी से बढ़ने के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र की पेशकश के लिए पूरी तरह से तैयार है। निवेशकों के विश्वास को वास्तविकता में परिवर्तित करने के लिए बिहार रेड कार्पेट बिछा कर स्वागत के लिए तैयार है।

➢ वर्तमान में बिहार में 68 औद्योगिक क्षेत्र और मेगा औद्योगिक पार्क है, जो सभी प्रक्षेत्रों के औद्योगिक वातावरण को समाहित कर सकता है। राज्य ने बिहार में निवेश के अवसरों को आकर्षित करने के लिए अपने उच्च प्राथमिकता वाले प्रक्षेत्रों और तेजी से बढ़ते उद्योगों के रूप में इथेनाॅल, आई0टी0, आई0टी0ई0एस0 और इलेक्ट्राॅनिक सिस्टम डिजाइन निर्माण, वस्त्र और चमड़ा, ई-वाहन निर्माण और आॅक्सीजन उत्पादन सहित खाद्य प्रसंस्करण को परिलक्षित किया है।

➢ राज्य में औद्योगिक मंजूरी और अनुमोदन को गति प्रदान करने के लिए एक बहतु ही मजबूत एकल खिड़की प्रणाली (सिंगल विण्डो सिस्टम) विकसित किया गया है। प्रोत्साहन/अनुबंध और लाईसेंस या मंजूरी के लिए समयबद्ध तरीके से मंजूरी देने
की व्यवस्था है, जिसके तहत् प्राप्त प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद (एस0आई0पी0बी0) की मासिक बैठक आयोजित होती है।

➢ उद्योग मित्र विभाग अन्तर्गत एक सक्रिय निवेशक शाखा है, जो निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ और उद्योग विभाग और नए एवं मौजूदा उद्यमियों के बीच सीधे संवाद के लिए उद्योग संवाद मंच उपलब्ध कराता है।

➢ बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के माध्यम से वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करता है। विभाग ब्याज अनुदान, कर संबंधी प्रोत्साहन, भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, स्टाम्प शुल्क/पंजीकरण शुल्क, बिजली शुल्क की प्रतिपूर्ति, रोजगार सृजन और कौशल विकास अनुदान आदि अनेक सुविधाओं के साथ राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

➢ वस्त्र एवं चमड़ा प्रक्षेत्र का भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदान रहा है तथा राष्ट्रीय सकल घरेलु उत्पाद विनिर्माण उत्पादन, निर्यात, राजस्व और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भागीदार है।

➢ वस्त्र एवं चमड़ा प्रक्षेत्र और इस सहायक विनिर्माण इकाईयाँ बिहार में कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करती है। वस्त्र चमड़ा प्रक्षेत्र से संबंधित उद्योग श्रम प्रधान उद्योग है और इनमें राज्य के आर्थिक विकास की अपार संभावनाएँ है।

➢ बिहार अपने सर्वोत्तम प्रकार के वस्त्र और चमड़े के उत्पादों, कच्चे माल की उपलब्धता और श्रम की प्रचूरता लिए जाना जाता है।

➢ बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति (वस्त्र एवं चमड़ा नीति) 2022 लागू की है।

यह नीति बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के साथ एकीकृत है, जो वस्त्र एवं चमड़ा व्यवसायों में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए अनुकूल है। इस नीति के अन्तर्गत बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 से भिन्न वित्तीय प्रोत्साहनों के अलावा अतिरिक्त पूंजी निवेश अनुदान, रोजगार सृजन अनुदान, माल
ढुलाई प्रतिपूर्ति और बिजली शुल्क अनुदान का प्रावधान भी है।

➢ इस नीति के अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु इकाईयों को 30.06.2023 तक आॅनलाईन आवेदन करना होगा।
➢ इस नीति के अन्तर्गत बिहार औद्योगिक विकास निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के अन्तर्गत मिलने वाले लाभोें के अतिरिक्त इकाईयों को पावर टैरिफ, रोजगार अनुदान, पूँजीगत अनुदान, फ्रेट सब्सिडी एवं पेटेंट सब्सिडी का भी प्रावधान किया गया है।
➢ पूँजीगत अनुदान रु0 10.00 करोड़ तक, पावर टैरिफ 2 रुपये प्रति यूनिट, रोजगार अनुदान रु0 5000.00 प्रति कामगार तक, फ्रेट सब्सिडी रु0 10.00 लाख प्रति वर्ष तथा पेटेंट सब्सिडी रु0 10.00 लाख प्रति पेटेंट का प्रावधान किया गया है।
➢ पात्र इकाईयों जिनके द्वारा इस नीति की अधिसूचना की तिथि के पूर्व चरण-1 की मंजूरी प्राप्त कर ली गई है उन्हें भी इस नीति अन्तर्गत आच्छादित किया जाएगा बशर्ते उनके द्वारा वित्तीय मंजूरी नहीं प्राप्त की गई हो।
➢ बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति (वस्त्र एवं चर्म नीति), 2022 में बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 के अतिरिक्त परियोजना स्थल से बंदरगाह तक माल ढुलाई शुल्क पर केवल पहले पाँच वर्षों के अवधि के लिए 30 प्रतिशत प्रतिपूर्ति दी जाएगी। रोजगार सृजन अनुदान के रूप में अर्द्ध-कुशल को 3000 हजार
रूपये, कुशल को 4000 हजार तथा उच्च कुशल को 5000 हजार रूपये दी जाएगी। विद्युत शुल्क दर अनुदान में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने की तिथि से पाँच वर्षों के लिए दो रूपये प्रति यूनिट की दर से सूक्ष्म श्रेणी को अधिकतम 25 लाख, लघु श्रेणी को 12 लाख, मध्यम श्रेणी को 35 लाख, वृहत श्रेणी को 60 लाख तथा मेगा श्रेणी को 80 लाख देय होगा। इसके लिए इकाइयों को टर्नओवर दावे के लिए जी0एस0टी0 रिटर्न का कागजात प्रस्तुत करना होगा।

➢ इस नीति के तहत प्रोत्साहन के लिए आवेदन करने वाली इकाइयां उद्योग विभाग,

बिहार, सरकार के एकल खिड़की मंजूरी (एस0डब्लू0सी0) पोर्टल पर आवेदन करेंगी।

संपर्क :
Assistant Director
Bihar Information Center
Government of Bihar
Bihar Sadan, Room No.: – 201,
Dwarka, Sector-19, Pocket-1,
New Delhi -110075
Tel (O) : 011-20892988
Mob. No. : 0-7992256033
e-mail ID :- adbic@prdbihar.gov.in

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