• March 21, 2016

भौगोलिक सूचना तंत्र की उपयोगिता पर जोर

भौगोलिक सूचना तंत्र की उपयोगिता पर जोर

उदयपुर   ————(सू०ब्यूरो)————————-सुदूर संवेदन केन्द्र, जोधपुर के महाप्रबंधक डाॅ. एस. राव ने कहा है कि संसाधनों के क्रम में शोध, नियोजन एवं प्रबंधन में भूस्थानिक प्रौद्योगिकी ने क्रांतिकारी बदलाव पैदा किया है। इस प्रौद्योगिकी के प्रयोग से शोध कार्य में गति व वस्तुनिष्ठता आई है।

डाॅ. राव मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय में भूगोल शास्त्र विभाग द्वारा आयोजित भौगोलिक सूचना तंत्र जागरूकता कार्यशाला में शिक्षकों व शोधार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में गत 50 वर्षों में इस प्रौद्योगिकी का तीव्र गति से विकास हुआ है और इसके परिणामस्वरूप संसाधन मूल्यांकन, नियोजन व प्रबंधन में अभूतपूर्व सफलता मिली है। DSC_2213

विशिष्ट अतिथि प्रो. फरीदा शाह ने पोषणीय एवं समावेशी विकास हेतु शोध कार्यों में भौगोलिक सूचना तंत्र की उपयोगिता पर जोर दिया। समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रो. विनोद अग्रवाल ने भूगर्भिक एवं पर्यावरणीय अध्ययन एवं शोध कार्यों में सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना तंत्र को एक क्रांतिकारी नवाचार बताया।

कार्यशाला की समन्वयक प्रो. सीमा जालान ने बताया कि राजस्थान सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग की उपनिदेशिका श्वेता सक्सेना एवं परियोजना अधिकारी दिलीप दास महापात्रा ने राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग, ई-मित्र व शहर माॅडलिंग इत्यादि क्षेत्रों भौगोलिक सूचना तंत्र के उपयोग का विस्तार से ब्यौरा प्रस्तुत किया। खान एवं भूगर्भ निदेशालय के प्रतिनिधि डाॅ. टी.एस. शर्मा एवं सुधीर भटनागर ने खनन प्रशासन, खान लीज व्यवस्था, क्षेत्रीय भूगर्भिक संरचना, खनिज पदार्थ अन्वेषण कार्यों में भौगोलिक सूचना तंत्र की भूमिका को अहम् बताया।

प्रो. जालान ने आगे बताया कि राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं वर्गीकरण विभाग, उदयपुर के मृदा वैज्ञानिक भगवती लाल टेलर ने मृदा सर्वेक्षण एवं वर्गीकरण, मृदा परिच्छेदिका, मृदा अपरदन व क्षेत्रीय पारिस्थितिकी अध्ययन में सुदूर संवेदन तकनीक एवं भौगोलिक सूचना तंत्र के महत्व को समझाया। राजस्थान प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी डाॅ. आर.पी. शर्मा ने उदयपुर नगर निगम क्षेत्र के मास्टर प्लान पर प्रकाश डालते हुए इसके निर्माण में गूगल से प्राप्त आंकड़ों के विभिन्न उपयोगों व महत्व से शोधार्थियों को अवगत कराया।

सार्वजनिक निर्माण विभाग की प्रतिनिधि कुमारी ऋचा ने प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना के अन्तर्गत ग्रामीण सड़कों के निर्माण एवं रखरखाव में भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रयोग पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यशाला में पृथ्वी विज्ञान संकाय के लगभग 150 छात्र व शिक्षकों ने भाग लिया।

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