भोपाल वन विहार में आरंभ करें नाइट सफारी

भोपाल वन विहार में आरंभ करें नाइट सफारी

भोपाल : —मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वन क्षेत्र में नवाचार बढ़ाने की आवश्यकता है। भोपाल में वन विहार अपने आप में एक बड़ी सौगात है। इसे ऐसे मॉडल के रूप में विकसित करें कि सिंगापुर से भी लोग नाइट सफारी के लिए यहाँ आएं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में वन क्षेत्र बढ़ना दुनिया के लिए शुभ समाचार है। जलवायु परिवर्तन के इस दौर में यह मनुष्य ही नहीं, प्राणी मात्र की रक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए वन विभाग को बधाई दी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रशासन अकादमी में आयोजित मुख्य वन संरक्षक एवं वनमंण्डलाधिकारियों की एक दिवसीय कार्य-शाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर कार्य शाला का शुभारंभ किया। वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राजेश श्रीवास्तव कार्यशाला में उपस्थित थे।

वनवासियों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहे विभागीय अमला

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनता की सेवा और पर्यावरण संरक्षण वन सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों का दायित्व है। वन क्षेत्र में रह रहे भाई-बहनों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहना जरूरी है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी पात्र व्यक्तियों को बिना किसी परेशानी के वनाधिकार अधिनियम के अंतर्गत पट्टे प्राप्त हों। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने की जितनी जिम्मेदारी वनवासियों की है, उतनी ही सभ्य समाज की भी है।

अत: यह देखना जरूरी है कि वनवासियों को किसी भी प्रकार से प्रताड़ित न किया जाए। वन क्षेत्र में सक्रिय विभिन्न माफिया पर सख्त कार्यवाही आवश्यक है। यह सुनिश्चित किया जाए की वन क्षेत्र में नए कब्जे न हों। प्रदेश के टाईगर स्टेट बनने तेंदुआ, घड़ियाल और गिद्धों की संख्या बढ़ने पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वनाधिकारियों को बधाई दी।

अपनी जमीन पर लगे पेड़ों के उपयोग संबंधी नियमों का सरलीकरण जरूरी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वन क्षेत्र का विस्तार जनता के सहयोग से ही हुआ है। इसमें वन समितियों का कार्य चमत्कारिक है। झाबुआ इसकी मिसाल है। इन्दौर में कार्बन क्रेडिट की दिशा में समाज के स्तर पर हुए कार्य की भी सराहना की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कृषि वानिकी को बढ़ाने की आवश्यकता बताई।

उन्होंने कहा कि अपनी जमीन पर लगे पेड़ों के उपयोग के संबंध में नियमों के सरलीकरण की जरूरत है। वनाधारित गतिविधियों और वनोपज के विक्रय में रोजगार के अवसर बढ़ाने की आवश्यकता है। कोरोना काल में वन औषधियों का महत्व बढ़ा है। हमें वन क्षेत्र से लकड़ी के अलावा और किन-किन गतिविधियों से आय हो सकती है, इस पर विचार करना होगा।

वन और आजीविका को जोड़कर यदि हम गतिविधियों का संचालन करें तो लोग स्वयं वन बचाऐंगे। उन्होंने मनुष्य और वन्य प्राणी संघर्ष की स्थितियों से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता बताई।

हर हाल में सुनिश्चित की जाएगी वन अमले की सुरक्षा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वन अमले की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वन का योगदान दो प्रतिशत है। इसे बढ़ाकर हमें पांच प्रतिशत करना है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए निर्धारित रोडमैप के अंतर्गत वन विभाग से संबंधित लक्ष्यों को समय-सीमा में पूरा करने की आवश्यकता है।

स्थानीय जलवायु के अनुसार हो वृक्षारोपण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्थानीय जलवायु के अनुसार प्राकृतिक रूप से लगने वाली वृक्ष प्रजातियों को वृक्षारोपण में महत्व देने की आवश्यकता बताई।

वन आधारित गतिविधियों में देश में प्रथम होगा मध्यप्रदेश – वन मंत्री डॉ. शाह

वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में वन विभाग वन और वन्यप्राणियों की सुरक्षा तथा वनों के विस्तार में सफल रहा है। हम मध्यप्रदेश को वन आधारित गतिविधियों में देश में प्रथम स्थान पर लाने की ओर अग्रसर हैं।

वन मंत्री ने वनों और वन विभाग के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए नियमों में संशोधन की आवश्यकता बताई। उन्होंने वन्य क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए संचालित हॉट एयर बैलून तथा बफर में सफर जैसे नवाचारों की जानकारी भी दी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राजेश श्रीवास्तव ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की।

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