भारत के औद्योगिक विकास की गाड़ी दौड़ेगी तब, बैट्री चार्ज होगी जब

भारत के औद्योगिक विकास की गाड़ी दौड़ेगी तब, बैट्री चार्ज होगी जब

लखनऊ (निशांत कुमार) ———- आने वाले समय में भारत के लिए वैश्विक पटल पर एक औद्योगिक शक्ति के रूप में उभर कर दिखने के लिए एनर्जी ट्रांजिशन में निवेश करना बेहद ज़रूरी होगा। और इस दिशा में मोबिलिटी एक ऐसा क्षेत्र जिसमें ये निवेश निर्णायक साबित होगा।
ऊर्जा संक्रमण या एनर्जी ट्रांजिशन का मतलब हुआ जीवाश्म ईंधन से हरित ईंधन की ओर जाने का सफर। और मोबिलिटी में ट्रांजिशन से यहाँ आशय है पेट्रोल डीज़ल से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ना।
इस दिशा में वर्ल्ड बिज़नेस काउंसिल फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (WBCSD) (डब्ल्यूबीसीएसडी) और इसके REmobility (आरईमोबिलिटी) गठबंधन ने आज भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का रुख़ करने में तेज़ी लाने के लिए पॉलिसी सुझाव पेश करने वाली एक रिपोर्ट लॉन्च की है। भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (EV) (ईवी) वैल्यू चेन (मूल्य श्रृंखला) के 30 से अधिक व्यवसायों ने रिपोर्ट में योगदान दिया है। एक साथ मिलकर उन्होंने एक पॉलिसी ढांचे की रूपरेखा तैयार की है जो कॉमर्शियल वाहन क्षेत्र में EV को अपनाने की वक़ालत करती है और बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने में निवेश बढ़ाती है।
एक तेज़ और सुचारू ट्रांज़िशन का प्रबंधन करने के लिए देश को एक समग्र पॉलिसी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। ज़रूरत एक नये ऊर्जा बुनियादी ढांचे के विकास की भी है, क्योंकि उससे नौकरियों का संरक्षण और उनका सृजन होगा।
यह रिपोर्ट इसलिए भी ख़ास है क्योंकि भारत में उपलब्ध बुनियादी ढांचे के आधार पर, देश इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के निर्माण और अपनाने में वैश्विक नेता बनने की इच्छा रखता है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाना भारत के उत्सर्जन में कमी, ऊर्जा सुरक्षा और औद्योगिक रणनीतियों के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में भी काम करेगा।
रिमोबिलिटी गठबंधन के पिछले काम के आधार पर, डब्ल्यूबीसीएसडी ने अब इस रिपोर्ट को विकसित किया है जिससे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में भारत के संक्रमण में तेजी लाने और नीति निर्माताओं और व्यवसायों के बीच सहयोग बढ़ाने में मदद मिल सके। यह रिपोर्ट एक नीतिगत ढांचा प्रस्तुत करती है जो वाणिज्यिक वाहन बेड़े में ईवी को अपनाने और चार्जिंग के बुनियादी ढांचे में निवेश में वृद्धि को मजबूती देती है। भारत की ईवी मूल्य श्रृंखला के 30 से अधिक व्यवसायों के साथ साझेदारी में विकसित यह रिपोर्ट नीति निर्माताओं के लिए आठ मार्गदर्शक मार्गों और 18 कार्रवाई योग्य नीति सिफारिशों की रूपरेखा तैयार करती है।
इस रिपोर्ट के लांच पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कान्त ने उम्मीद जताते हुए कहा, “जो ढांचागत व्यवस्था भारत में उपलब्ध है उसके आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में वर्ल्ड लीडर बन सकता है। जीवाश्म ईंधन अब जल्द इतिहास बनता दिख रहा है और भविष्य इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का ही है। वैसे भी भारत में कोई लिगेसी इशू नहीं है इसलिए यहाँ ट्रांजीशन में कोई समस्या होती नहीं दिखती। इस रिपोर्ट से भारत को इस क्षेत्र में उभर कर दिखने में यक़ीनन मदद मिलेगी।”
भारत में शेल कंपनियों के अध्यक्ष, नितिन प्रसाद, ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “एलेक्ट्रिफाईड (विद्युतीकृत) वाहन वैश्विक मोबिलिटी (गतिशीलता) डीकार्बोनाइज़ेशन प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे – और भारत और दुनिया भर में आर्थिक अवसरों को सामने लाएंगे। हमें वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए एकजुट व्यवसायों, सरकारों और समाज के रूप में एक साथ काम करना चाहिए।”
आगे, SUN (सन) मोबिलिटी के सह-संस्थापक और अध्यक्ष, चेतन मैनी, ने कहा: “भारत एक सर्विस बिज़नेस मॉडल के रूप में ऊर्जा क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए केके बेहतरीन पोज़िशन में है, विशेष रूप से शेयर्ड मोबिलिटी में 2/3 पहिया वाहन और लास्ट मईल सेग्मेंट्स में। प्रभावी नीति कार्यान्वयन के साथ विभिन्न बुनियादी ढांचे के समाधानों को बढ़ावा देना ई-मोबिलिटी में तेज़ी लाने के लिए महत्वपूर्ण है।”
इसी क्रम में कण्व गर्ग, एनर्जी ईमोबिलिटी लीड, EY (ईवाई) इंडिया, ने कहा: “भारत में कॉमर्शियल वाहनों के क्षेत्र में EV (ईवी) को लागत सुधार उपाय के रूप में देखा जा रहा है। और फ़िलहाल यह ‘लर्निंग बाय डूइंग’ (कर के सीखना) तंत्र सहयोग को बढ़ाने में भी योगदान देगा और साथ ही EV संक्रमण के लिए नीति निर्माताओं के मार्गदर्शन के रूप में भी।”
यह WBCSD रिपोर्ट सरकारी योजनाओं और व्यावसायिक कार्यों के बीच मौजूदा अंतर को पाटती है और इसका उद्देश्य EV नीतियों पर सार्वजनिक-निजी सहयोग की शुरुआत करना है। रिपोर्ट में नीति निर्माताओं के लिए आठ मार्गदर्शक पथों और 18 कार्रवाई योग्य नीति अनुशंसाओं की रूपरेखा दी गई है, जो सरकार के क्लीन किलोमीटर्स ओवर व्हीकल्स को प्रोत्साहित करने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
EV अपनाने पर भारत की प्रमुख प्रोत्साहन योजना के दूसरे चरण, FAME (फेम), की समाप्ति के एक साल से पहले, यह रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण क्षण पे आयी है। जबकि दो-तिहाई से अधिक उद्दिष्ट योजना अवधि बीत चुकी है, फंड्स के एक महत्वपूर्ण हिस्सा का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यह रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक EV संक्रमण में भारत के लिए अगुआई पद को सुरक्षित करने के लिए FAME योजना को किस प्रकार विकसित किया जाए। यह नए व्यापार मॉडल को बढ़ावा देने और शुरुआती EV अपनाने से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करने के लिए गैर-FAME वित्तीय और गैर-वित्तीय उपायों पर इनपुट देती है।
WBCSD में मोबिलिटी के निदेशक, थॉमस डेलॉइसन, रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं, “भारत में WBCSD REmobility गठबंधन 10 अरब किलोमीटर की वार्षिक मोबिलिटी मांग के साथ प्रगतिशील व्यवसायों का प्रतिनिधित्व करता है – जो सभी सस्टेनेबल मोबिलिटी विकल्पों की ओर बढ़ना चाहते हैं। यह रिपोर्ट भारत की EV प्रचार नीतियों में सुधार के सुझाव देने के लिए उनके शुरुआती कार्यान्वयन अनुभव पर आधारित है। पॉलिसी पेपर गठबंधन के तहत व्यवसायों द्वारा विकसित महत्वपूर्ण क्षमता-निर्माण सामग्री का अनुसरण करता है, विशेष रूप से भारत EV एडॉप्शन गाइड और भारत की पहली ऑल-इलेक्ट्रिक कार राइड-हेलिंग कंपनी के दस्तावेज़ीकरण।”
दिव्या शर्मा, कार्यकारी निदेशक, भारत, क्लाइमेट ग्रुप, ने कहा, “एक अच्छी तरह से डिज़ाइन करे हुए और प्रभावी नीति वातावरण में जलवायु कार्रवाई में महत्वपूर्ण तेज़ी लाने की क्षमता है। EV अपनाने और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पर व्यावसायिक महत्वाकांक्षा, कार्रवाई और अंतर्दृष्टि सरकारों को स्वच्छ भविष्य के लिए प्रभावी नीति उपायों को डिज़ाइन और लागू करने में मदद करने के लिए अमूल्य हैं।”
अगले चरण के रूप में, WBCSD भारत में सरकारी निकायों, विशेष रूप से उप-राष्ट्रीय स्तर पर संबंधित मंत्रालयों और विभागों, द्वारा नई नीति सुझावों को अपनाने की पैरवी करेगा। संगठन कार्यान्वयन तंत्र को डिज़ाइन करने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों में मंत्रालयों और व्यवसायों का समर्थन करने के लिए तैयार है।

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