• November 27, 2015

भारत का संविधान राष्ट्र की आत्मा है -विधानसभा उपाध्यक्ष

भारत का संविधान राष्ट्र की आत्मा है -विधानसभा उपाध्यक्ष

जयपुर – विधानसभा उपाध्यक्ष श्री राव राजेन्द्रसिंह ने कहा है कि भारत का संविधान राष्ट्र की आत्मा है और संविधान में राष्ट्र की आत्मा समाहित है। हमारा संविधान सामाजिक समरसता, अर्थव्यवस्था और प्राणी मात्र की रक्षा का संकल्प लिये हुए है।
श्री राव आज यहां विधानसभा निर्माता बाबा साहब डा.भीमराव अम्बेडकर के 125वें जन्म वर्ष पर राष्ट्रीय स्तर पर मनाये जा रहे प्रथम संविधान दिवस के तहत आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के अंग्रेजी वर्जन में भारत को इंडिया लिखा गया है, इसमें संशोधन करके संविधान के अंग्रेजी वर्जन में इंडिया के स्थान पर भारत शब्द प्रतिस्थापित किया जाना उचित होगा। उन्होंने भी कहा कि राजस्थान विधानसभा को इस तरह का एक प्रस्ताव पास कर संसद को भिजवाया जाना चाहिए।
विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि सहिष्णुता यदि भारत में नहीं होगी तो फिर विश्व में कहां होगी। भारतीय संविधान सिर्फ सहिष्णुता ही सिखाता है।
कार्यक्रम में राजस्व मंत्री श्री अमराराम ने बाबा साहब और उनकी कमेटी को शत् शत् नमन करते हुए कहा कि उन्होंने भारत के संविधान के रूप में ऐसा ग्रंथ तैयार किया जिसमें प्रत्येक नागरिक के अधिकार और कत्र्तव्य निहित हैं। इन अधिकारों के प्रति जागरूक करना आज सबसे बड़ी आवश्यकता है। इसके लिए ग्रामीणजनों को संविधान और बड़ी आवश्यकता है। इसके लिए ग्रामीण जनों को संविधान और अधिकारों की अधिकाधिक जानकारी दी जावे जिससे वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें।
विधानसभा सचिव श्री पृथ्वीराज ने अधिकारी और कर्मचारियों का आव्हान् किया कि वे अपने अधिकारों के साथ साथ अपने कर्तव्यों की पालना भी करें।
इस अवसर पर विधानसभा के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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