• October 29, 2015

भारत-ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा सहयोग की समीक्षा

भारत-ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा सहयोग की समीक्षा
नई दिल्ली (पेसूका)-   ऑस्ट्रेलिया के एटॉर्नी जनरल श्री जॉर्ज ब्रान्डीस क्यूसी ने आज यहां केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। सरकार की तरफ से तथा व्यक्तिगत तौर पर श्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री श्री मालकॉम टर्नबुल को हार्दिक बधाईयां दी। 

दोनों नेताओं ने सुरक्षा, आतंकवाद, मादक पदार्थ, विधि-चिकित्साशास्त्र संबंधी प्रौद्योगिकी तथा आव्रजन के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच वर्तमान सहयोग की समीक्षा की। श्री राजनाथ सिंह ने दोनों मजबूत, धर्मनिरपेक्ष तथा बहु-सांस्कृतिक लोकतांत्रिक देशों के बीच अंतर-क्रिया के नए माध्यमों, नेटवर्कों तथा सामरिक गठबंधन के गठन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मंत्री स्तरीय यात्राओं के नियमित आदान-प्रदान के कारण ये संबंध मजबूत हुए है तथा भारत, ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने संबंधों को काफी महत्व देता है।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हाल के सालों में द्विपक्षीय सामरिक सहभागिता में महत्वपूर्ण उन्नति हुई है तथा भारत-ऑस्ट्रेलिया सामरिक सहभागिता के प्रति ऑस्ट्रेलिया की मजबूत प्रतिबद्धता की भारत सराहना करता है। दोनों देशों के बीच सुरक्षा मामलों को लेकर निकट सहयोग है तथा दोनों ही देश मिलकर विशेष रूप से संगठित अपराध व आतंकवाद से संघर्ष करने के लिए प्रतिबद्ध है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सजायाफ्ता व्यक्तियों के हस्तांतरण संबंधी समझौते तथा मादक पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करने और दोनों देशों के बीच पुलिस सहयोग का विकास संबंधी समझौता ज्ञापनों के बाद परस्पर सहभागिता और मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग तथा दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहकार्य को और भी बढ़ाया जा सकता है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की अवैध तस्करी मानवता के लिए एक खतरा है। उन्होंने आगे कहा कि केन्द्रीय दवा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच निकट अंतर-क्रिया, अवैध मादक पदार्थ तस्करी के विभिन्न पहलुओं के बार में सूचना का आदान-प्रदान तथा ऐसे अनुभव से प्राप्त शिक्षा, मादक पदार्थों के अवैध तस्करी के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करेगा।

श्री राजनाथ सिंह कहा कि भारत तथा ऑस्ट्रेलिया, फोरेसिंक विज्ञान तथा निगरानी उपकरणों के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच फलदायी सहयोग का विकास कर सकते है। उन्होंन कहा कि ज्ञान तथा अनुभव प्राप्त करने के लिए विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को भी बढ़ाया जा सकता है। श्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि फोरेसिंक विज्ञान में क्षमता निर्माण कार्यक्रम, दोनों देशों के बीच परस्पर रूचि का दूसरा क्षेत्र है।

ऑस्ट्रेलिया के एटॉर्नी जनरल ने कहा कि दोनों देशों के बीच बहुत अच्छे तथा निकट संबंध है तथा ऑस्ट्रेलिया की सरकार, निजी क्षेत्र तथा नागरिक समाज भारतीय नेतृत्व का उच्च सम्मान करती है। उन्होंने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री श्री टोनी एबोट तथा वर्तमान प्रधानमंत्री श्री मालकॉम टर्नबुल भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रशंसक है तथा दोनों देशों के बीच वार्ताओं से यह संबंध और नजदीक आ सकते है।

श्री जार्ज ब्रान्डीस क्यूसी ने सामरिक सहयोग से संबंध मामलों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 21वीं शताब्दी भारत-प्रशांत सामरिक सहयोग की है। दोनों देशों के बीच सूझबुझ के विभिन्न ज्ञापनों के बारे में बोलते हुए भारत की यात्रा पर आए नेता ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस (एएफपी) तथा भारतीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) व एएफपी और भारतीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के बीच समझौता ज्ञापनों को शीघ्रता से अंतिम रूप दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सार्थक आदान-प्रदान के लिए वे प्रतीक्षारत थे तथा केन्द्रीय गृह मंत्री को ऑस्ट्रेलिया आने का उन्होंने निमंत्रण दिया।

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को लेकर एक व्यापक समझौते की आवश्यकता है, जिसके अंतर्गत ऊपर उल्लेखित सुरक्षा संबंधी सूझबुझ के दो ज्ञापनों के ऊपर कार्य किया जा सकता है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने आमंत्रण दिए जाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के एटॉर्नी जनरल का धन्यवाद किया तथा कहा कि इस संबंध में जल्द ही ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों को सूचित किया जाएगा।

सचिव, एटॉर्नी जनरल का विभाग, सचिव, विदेशी मामले और व्यापार विभाग, भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त, गृह मंत्रालय तथा परराष्ट्र मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।

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