भारतीय पुरातत्व के भीष्म पितामह बी.बी.लाल

भारतीय पुरातत्व के भीष्म पितामह बी.बी.लाल

पद्यसंभव श्रीवास्तव ——- भारतीय पुरातत्व के भीष्म पितामह,बी.बी.लाल जी के निधन का दुखद समाचार कुछ देर पहले प्राप्त हुआ है। प्रो. लाल का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में बैडोरा गांव में 02 मई, 1921 को हुआ था।

प्रो. बी. बी. लाल को वर्ष 2020 में पद्म भूषण प्रदान किया गया था। वह सन् 1968 से 1972 तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के महानिदेशक थे और उन्होंने भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान, शिमला के निदेशक के रूप में सेवा की है।

प्रो. लाल ने यूनेस्को की विभिन्न समितियों में भी काम किया है। पांच दशकों तक फैले अपने कैरियर में प्रो. लाल ने पुरातत्व विज्ञान के क्षेत्र में बेशुमार योगदान दिया। प्रो. लाल को 1944 में तक्सिला में सर मोर्टिमर व्हीलर द्वारा प्रशिक्षित किया गया था और बाद में वह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में नियुक्त हुए।

प्रो. लाल ने हस्तिनापुर (उप्र), शिशुपालगढ़ (ओडिशा), पुराना किला (दिल्ली), कालिबंगन (राजस्थान) सहित कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों की खुदाई की।

1975-76 के बाद से, प्रो. लाल ने रामायण के पुरातात्विक स्थलों के तहत अयोध्या, भारद्वाज आश्रम, श्रंगवेरपुरा, नंदीग्राम एवं चित्रकूट जैसे स्थलों की जांच की।

प्रो. लाल ने 20 पुस्तकें और विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में 150 से अधिक शोध लेख लिखे हैं।

Related post

क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

डॉक्टर नीलम महेंद्र : वर्तमान  भारत जिसके विषय में हम गर्व से कहते हैं कि यह…
नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

कल्पना पांडे————-इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक आडंबरों, पाखंड…
और सब बढ़िया…..!   अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

और सब बढ़िया…..! अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

अतुल मलिकराम ——– सुख और दुःख, हमारे जीवन के दो पहिये हैं, दोनों की धुरी पर…

Leave a Reply