- January 23, 2016
ब्रेन स्ट्रोक के खिलाफ जागरूकता अभियान:- डॉ.राजुल अग्रवाल
रोहतक – ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी किसी भी आयु वर्ग के व्यक्ति को हो सकती है। एक स्ट्रोक के बाद हर दूसरे स्ट्रोक में 32000 मस्तिष्क कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है। इसलिए स्ट्रोक के रोगियों को इसे गंभीरता से लेते हुए उपचार करवाना चाहिए।
भारतीय परिवेश में तेजी से बढ़ रही इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बाला जी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट ने ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों, सावधानी, इलाज और इससे पीडि़त मरीजों की जाने बचाने के उद्देश्य से जागरूकता कार्यक्रम चलाने का फैसला किया है।
हिसार, रोहतक, सिरसा, झज्जर समेत दिल्ली एनसीआर के जिलों में चलाए जाने वाले इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बाला जी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ सलाहकार (न्यूरोलॉजिस्ट) डॉ.राजुल अग्रवाल ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा फरवरी माह के दौरान लोगों को ब्रेन स्ट्रोक से बचने के उपायों आदि के बारे में बताया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक में मस्तिष्क के एक हिस्से का रक्त का प्रवाह रुक जाता है। ऐसे में मस्तिष्क की कोशिकाएं ऑक्सीजन से वंचित हो जाती है और मरने लगती हैं। जब मस्तिष्काघात के दौरान मस्तिष्क की कोशिकाएं मरती हैं तो मस्तिष्क के उस क्षेत्र से नियंत्रण की क्षमता जैसे चेतना और मांसपेशियों पर नियंत्रण खो जाता है।