बैक-सखियाँ 20 लाख से अधिक का लेन-देन

बैक-सखियाँ 20 लाख से अधिक का लेन-देन

भोपाल : (अनिल वशिष्ठ​ )—–बड़वानी जिले की राजपुर तहसील के ग्राम मोरगुन की श्रीमती मनीषा बघेल और ग्राम लिम्वाई की कविता खन्ना आजीविका मिशन की बैक-सखी योजना में प्रशिक्षण प्राप्त कर बैक वाली दीदी बन गई हैं।

वे गाँव में ही पहुँचकर ग्रामीणों को पेंशन, आर्थिक सहायता की राशि सहित अन्य योजनाओं की राशि का भुगतान करती हैं। ये बैक-सखी प्रति माह लगभग 20 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन कर रही हैं।

ग्राम मोरगुन की श्रीमती मनीषा बघेल 12वीं कक्षा तक पढ़ी है लेकिन ससुराल में खेती-किसानी होने से वह खेतों में काम करने लगी थी। जब उसे आजीविका मिशन के बारे में जानकारी मिली, तो उससे जुड़कर बैक-सखी का प्रशिक्षण प्राप्त किया और लैपटाप तथा पास्को मशीन लोन पर लेकर बैक-सखी के रूप में कार्य करने लगी।

इसी प्रकार ग्राम लिम्बाई की कविता खन्ना ने भी आजीविका मिशन से जुड़कर बैंक-लेन का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। अब वह डिजिटल बैंक ट्रान्जिक्शन से जुड़कर प्रति माह 20 लाख रुपये का लेनदेन कर रही है।

इस व्यवस्था से गाँव के गरीब और वृद्धजन बहुत खुश हैं। अब उन्हें घर-घर बैंक की सुविधाएँ मिल रही है।

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