- September 28, 2015
बेहतर पहल जीवन प्रमाण योजना ने दिया पेंशनरों को सुकून – डॉ. दीपक आचार्य
आम तौर पर प्रत्येक रिटायर्ड राजकर्मी के लिए पेंशन प्राप्ति को बरकरार रखने हर वर्ष जीवित होने का प्रमाण पत्र देने की अनिवार्यता है। इस काम में बुजुर्ग पेंशनर्स को कई प्रकार की असुविधा भी होती थी। केन्द्र सरकार ने इसे देखते हुए जीवन प्रमाण योजना शुरू की है जिसमें संबंधित पेंशनर के आधार कार्ड को बायोमैट्रिक डिवाइस पर आधारित सोफ्टवेयर से जोड़ दिया गया है।
इसके लिए https://jeevanpramaan.gov.in पर सुविधा दी गई हैं जहाँ से कोई भी पेंशनर्स सीधे ही अपना डिजीटल जीवन प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकता है। प्रत्येक पेंशनर इस साईट पर रजिस्टर्ड कर दिया गया है।
इससे प्राप्त प्रमाण पत्र की हार्ड कॉपी संबंधित बैंक को सिर्फ एक बार ही देनी होगी। इसके बाद बैंक इस साईट से अपने आप यह प्रमाण पत्र ऑनलाईन प्राप्त कर लेगा, इसकी पूरी तकनीक विकसित है।
पेंशनर को साल में मात्र एक ही बार इस साईट को खोलकर नवीनीकरण कराना होगा। यह काम वह अपने घर से भी कर सकता है। इसके लिए न तो विभाग के चक्कर काटने की जरूरत है न बैंक के। मोबाईल की सहायता से यह कार्य संभव है।
इससे प्राप्त प्रमाण पत्र की हार्ड कॉपी संबंधित बैंक को सिर्फ एक बार ही देनी होगी। इसके बाद बैंक इस साईट से अपने आप यह प्रमाण पत्र ऑनलाईन प्राप्त कर लेगा, इसकी पूरी तकनीक विकसित है।
पेंशनर को साल में मात्र एक ही बार इस साईट को खोलकर नवीनीकरण कराना होगा। यह काम वह अपने घर से भी कर सकता है। इसके लिए न तो विभाग के चक्कर काटने की जरूरत है न बैंक के। मोबाईल की सहायता से यह कार्य संभव है।
इस नई व्यवस्था ने केन्द्र सरकार के रिटायर्ड कर्मियों को सुकून का अहसास कराया है। अब जीवितता प्रमाण पत्र चाहने के लिए उन्हें किसी तरह की मशक्कत करने की जरूरत नहीं पड़ती, यह कार्य स्वतः होने लगा है। देश में पाँच लाख से अधिक पेंशनर्स इस योजना में ऑनलाईन पंजीकृत होकर जुड़ चुके हैं।