• February 8, 2025

बेड़ियों में भेजे गए भारतीय और अमेरिकी जज

बेड़ियों में भेजे गए भारतीय और अमेरिकी जज

अमेरिकी जज ने खालिस्तान वाला दावा नहीं माना

निरंजन सिंह/ विश्वंभर झा——–अमेरिकी जज के सामने ‘खतरे में खालिस्तानी सिख’ के नाम पर गिड़गिड़ाया, मदद के नाम पर भारत में बैठे खालिस्तानी नेता ने भी मारी ‘लात’: US से बेइज्जत कर भगाया।

ट्रंप और भारतीयों की बेड़ियां

बड़ी संख्या में विदेश जाने की चाह रखने वाले सिख युवा कई बड़े नेताओं या फिर ऐसी ही किसी मान्य संस्था से खुद के उत्पीड़न का एक झूठा प्रमाण पत्र बनवा लेते हैं। सांसद रहे खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान खुद स्वीकार चुके हैं कि वह पैसा लेकर ऐसे पत्र जारी करते थे।

अमेरिका में खालिस्तानी होने के सहारे शरण माँग रहे व्यक्तियों की बात सुनने से जजों ने इनकार कर दिया। अमेरिका गए इन घुसपैठियों को निकाल बाहर फेंका गया है। खालिस्तान के नाम पर शरण की बात करने वाले लोगों का साथ उन नेताओं ने नहीं दिया जो उन्हें पीड़ित होने का प्रमाण पत्र भारत में बना कर दे रहे थे। ऐसी ही आपबीती अमेरिका से निकाल बाहर किए जाने वाले ने सोशल मीडिया लिखी है और लोगों को फर्जी तरीके से अमेरिका जाने पर चेताया है।

साल 2009 में 734,
साल 2010 में 799,
साल 2011 में 597,
साल 2012 में 530,
साल 2013 में 550,
साल 2014 में 591,
साल 2015 में 708,
साल 2016 में 1303,
साल 2017 में 1024,
साल 2018 में 1180,
साल 2019 में 2042,
साल 2020 में 1889,
साल 2021 में 805,
साल 2022 में 862,
साल 2023 में 670,
साल 2024 में 1368
और साल 2025 में 104 लोग भारत भेजे गए।..

खालिस्तान पर लगातार बोलते रहने वाले पुनीत सहनी ने यह पोस्ट साझा की है। इस सिख ने लिखा, “भाइयों, मुझे निर्वासित किए जाने के आदेश जारी हो चुके हैं। कल मेरी कोर्ट में सुनवाई थी। जज ने मुझे बताया कि आपको अगली दो फ्लाइट में वापस भेज दिया जाएगा। यह मेरी आखिरी पोस्ट है, मैं यह अकाउंट बंद करने वाला हूँ ताकि मुझे भारत में कोई परेशानी न हो।”
इसके बाद उसने खालिस्तान को लेकर बात बताई। उसने लिखा, “जज ने पूछा, आपको भारत में क्या खतरा है? हमने बताया कि हम खालिस्तान का समर्थन करते हैं और भारत हम पर अत्याचार करता है। लेकिन जज ने कहा, आपके खालिस्तानी नेता ही वहाँ चुनाव जीत रहे हैं और सांसद बन रहे हैं – उन्होंने सिमरनजीत मान और भाई अमृतपाल का जिक्र किया।”
उसने अपनी पोस्ट में बताया कि अमेरिकी सरकार ने MP सिमरनजीत सिंह को फोन भी किया। सिमरनजीत सिंह ने ही उसे यह लिख कर दिया था कि अमेरिका में शरण माँगने वाले युवक भारत में खालिस्तान का समर्थन करने के लिए प्रताड़ित किए जाते हैं। सिमरनजीत सिंह जज के फोन पर पूरी तरह मुकर गए और कहा कि उनके लोगों को भारत में कोई भी खतरा नहीं है।
अमेरिका ने निकाले जाने वाले शख्स ने अवैध रूप से अमेरिका में घुसने की सोचने वालों को चेताया, “भाइयों, अब अदालतें और जज बहुत सख्त हो गए हैं और साथ ही जिन्होंने तुम्हें ये शरण वाले लेटर बेचे थे,वो भी अब तुम्हारी नहीं सुन रहे हैं। ये खरीदा हुआ पत्र अब काम का नहीं है।”
गौरतलब है कि बड़ी संख्या में विदेश जाने की चाह रखने वाले सिख युवा कई बड़े नेताओं या फिर ऐसी ही किसी मान्य संस्था से खुद के उत्पीड़न का एक झूठा प्रमाण पत्र बनवा लेते हैं। अधिकांश मौकों पर इस पत्र में उस व्यक्ति के कथित तौर पर खालिस्तान का समर्थन किए जाने के कारण पीड़ित होना बताया जाता है।
यह लोग फिर अधिकांश मौकों पर यूरोप, अमेरिका या फिर कनाडा आदि में इस पत्र के आधार पर शरण माँगते हैं। यह इन देशों में अवैध रूप से घुसते हैं। सांसद रहे खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान खुद स्वीकार चुके हैं कि वह पैसा लेकर ऐसे पत्र जारी करते थे।”

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