‘‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’’ –प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी और कलेक्टर के बीच शक्ति युद्ध

‘‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’’ –प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी और कलेक्टर के बीच शक्ति युद्ध

सीधी, 2 दिसम्बर। ‘‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’’ योजना के क्रियान्वयन हेतु महिला सशक्तिकरण अधिकारी द्वारा कलेक्टर से पत्र जारी करवाने का खामियाजा अब लाडली लक्ष्मी योजना पर पड़ने वाला है|

प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी अवधेश सिंह ने कल दिनांक एक दिसम्बर को जिले के समस्त परियोजना अधिकारीयों व पर्यवेक्षकों की बैठक में यह स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि आज से महिला सशक्तिकरण की किसी भी योजना में सहयोग नहीं देना है| यहाँ तक कि लाडली लक्ष्मी योजना का भी काम नहीं करना है |

प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देशों का समर्थन करते हुये सीधी परियोजना अधिकारी शेष नारायण मिश्र ने स्पष्ट किया कि जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को कलेक्टर से पत्र जारी करवा दिया ? यह उचित नहीं है |

विदित हों कि कार्यालय कलेक्टर (महिला सशक्तिकरण), जिला-सीधी द्वारा “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” योजना के तहत केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार जारी पत्र में एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS), जिला पंचायत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी तथा नगर पालिका सीधी व नगर पंचायत चुरहट, मझौली, रामपुर नैकिन को भी शासन के दिशा निर्देशों के अंतर्गत अभियान के दौरान विभिन्न आयोजन करने के निर्देश दिए गये हैं|

यह योजना मूलतः महिला एवं बाल विकास विभाग की है और महिला सशक्तिकरण व एकीकृत बाल विकास सेवा उसके संचालनालय हैं| विभागीय योजना के सफल क्रियान्वयन में प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी की नाराजगी की वजह समझ से परे है|

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश सरकार एवं प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की पहली प्राथमिकता वाली लाडली लक्ष्मी योजना का काम ना करने का निर्देश देकर,प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी अवधेश सिंह अपनी झल्लाहट से क्या साबित करना चाहते हैं?

“बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” व “लाडली लक्ष्मी” योजना के मैदानी स्तर पर क्रियान्वयन की शुरुआत आंगनबाड़ी केंद्र से होती है,आंगनबाड़ी केन्द्रों व पर्यवेक्षकों का नियंत्रण प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी का है| उनके द्वारा असहयोग की घोषणा से निःसंदेह दोनों ही योजनाओं की लक्ष्यपूर्ति में अवरोध पैदा होगा|

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