- February 13, 2015
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ – प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कलंक को खत्म करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है, अन्यथा हम न केवल वर्तमान पीढ़ी का अहित कर बैठेंगे, बल्कि आने वाली पीढि़यों के लिए भी एक भयावह संकट को न्यौता दे देंगे।
कन्या भ्रूण हत्या को अंजाम देने वाले डॉक्टरों को सख्त लहजे में दिये गए संदेश में प्रधानमंत्री ने उन्हें यह बात याद दिलाई कि उन्हें चिकित्सा शिक्षा जिन्दगियां बचाने के लिए दी गई थी, न कि बेटियों की जान लेने के लिए।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम भले ही हरियाणा के पानीपत में आयोजित किया गया हो, लेकिन यह संदेश देश भर में प्रासंगिक है। प्रधानमंत्री ने सवाल किया, अगर बेटियों का जन्म नहीं होगा, तो आपको बहुएं कहां से मिलेंगी? उन्होंने कहा कि लोग पढ़ी-लिखी बहुएं चाहते हैं, लेकिन खुद अपनी ही बेटियों की शिक्षा के खिलाफ हैं। उन्होंने इस तरह के पाखंड को खत्म करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर पानीपत के जाने-माने उर्दू विद्वान अल्ताफ हुसैन हाली की यह पंक्ति पढ़ी- ‘ऐ मेरी बहनों, मांओं और बेटियों, आप दुनिया का गहना हैं, आप क़ौमों की जिन्दगी हैं, सभ्यताओं की गरिमा हैं।’ उन्होंने बालिकाओं की विशेष अहमियत को रेखांकित करने के लिए अन्य प्राचीन धर्मग्रन्थों की उक्तियों का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने अन्तरिक्ष में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला का स्मरण करते हुए कहा कि लड़कियां भी किस तरह दूसरों से आगे निकल कर अपना नाम कमा सकती हैं, यह एक अनुपम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि लड़कियां आज खेल-कूद, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। यहां तक कि कृषि क्षेत्र में भी महिलाओं का बड़ा अहम योगदान रहा है।
प्रधानमंत्री ने प्रसिद्ध अभिनेत्री माधुरी दीक्षित को उनकी मां के गंभीर रूप से बीमार रहने के बावजूद इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह इस अहम मकसद के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का परिचायक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे समाज में बालक-बालिका अनुपात में दिखने वाले असंतुलन को कम करने के लिए भी इसी तरह की प्रतिबद्धता की सख्त जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर वाराणसी के जयापुर गांव को भी स्मरण किया। प्रधानमंत्री की ही सलाह पर यह गांव अब हर बच्ची के जन्म पर आन्नदोत्सव मनाता है और इस तरह के हर अवसर पर पांच पौधे लगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सभी देशवासी इस अनुपम उदाहरण का अनुकरण कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने बालिकाओं के लाभ के लिए ‘सुकन्या समृद्धि खाता’ योजना का शुभांरभ किया। उन्होंने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ थीम पर एक डाक टिकट जारी किया और इस अवसर पर लोगों को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शपथ भी दिलाई।
हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के अतिरिक्त अनेक केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी, श्री रवि शंकर प्रसाद, श्रीमती स्मृति इरानी, डॉ. हर्षवर्धन और श्री जयन्त सिन्हा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे और गुजरात की मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल भी इस अवसर पर मौजूद थीं।