- August 21, 2017
बीजेपी पूंजीपतियों व धन्नासेठों के इशारे पर नाचनेवाली पार्टी
नई दिल्ली————–बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती ने कहा कि देश के लोगों में जो आम धारणा है कि बीजेपी बडे़-बडे़ पूंजीपतियों व धन्नासेठों की व उन्हीं के धनबल से एवं उनके इशारे पर ही नाचने पार्टी है वह शत-प्रतिशत् सही है जिसे अभी-अभी प्रकाशित हुये अकाट्य आँकड़ों ने भी पूरी तरह से सही साबित कर दिया है।
इससे यह प्रश्न और भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण व सामयिक हो जाता है कि ऐसी पार्टी व इस पार्टी की सरकार गरीब-हितैषी कैसे हो सकती है और साथ ही इससे यह प्रमाणित भी हो जाता है कि बीजेपी सरकारें एक के बाद एक जनविरोधी, किसान- विरोधी व धन्नासेठ-समर्थक फैसले क्यों लेती जा रही है।
जैसाकि सर्वविदित है कि एसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स(ए.डी.आर.) ने जो ताज़ा आँकडे़ एक बड़े कार्यक्रम में सार्वजनिक किये हैं उसके मुताबिक बीजेपी ने कुछ धन्नासेठों से वर्ष 2012-13 से वर्ष 2015-16 के बीच अपने हिसाब-किताब वाले कुल चन्दे का 92 प्रतिशत अर्थात लगभग 708 करोड़ रुपया लिया है।
आज यह किसी से भी छिपा नहीं है कि जबसे बीजेपी एण्ड कम्पनी का प्रभाव देश की राजनीति में बढ़ा है तबसे बडे़-बडे़ पूंजीपतियों व धन्नासेठों ने बीजेपी को हर प्रकार से सहयोग व अधिक से अधिक चन्दा देकर भारतीय राजनीति व सरकार में अपना बेजा हस्तक्षेप काफी बढाया है, जिस कारण ही चुनाव काफी हद तक साम, दाम, दण्ड, भेद आदि हथकण्डों का खेल बनकर रह गया है। देश के लोकतंत्र को विकृत करने वाली इस बुराई से चुनाव आयोग सबसे ज्यादा चिन्तित लगता है।
चुनाव आयुक्त श्री ओ.पी.रावत द्वारा उसी ए.डी.आर. के कार्यक्रम में यह कहना कि ’’आचार संहिता को ताक पर रखकर हर कीमत पर चुनाव जीतना वर्तमान में राजनीति का नया मापदण्ड बन गया है’’,
बीजेपी की चुनावी सफलताओं को खोखला बताकर यह साबित करता है कि बीजेपी वास्तव में ही मात्र 31 प्रतिशत वोटों वाली व चुनावी हथकण्डों वाली पार्टी है। देश में इस प्रकार की राजनीतिक गिरावट बहुत ही खतरनाक प्रकृति है जिसके लिये बीजेपी एण्ड कम्पनी के साथ-साथ जनता के प्रति अनुत्तरदायी आर.एस.एस. भी कम जिम्मेदार नहीं है और इसी कारण इन खतरो के बारे में बी.एस.पी. बार-बार लोगों को अगाह करती रहती है कि इस देश में वोट हमारा परन्तु राज तुम्हारा की गलती को सुधार करने की जरूरत है।
सुश्री मायावती ने कहा कि बीजेपी के बड़े-बड़े दावों में एक खोखला दावा यह भी है कि उसके 10 से 12 करोड़ सदस्य हैं।
बीजेपी द्वारा पूरी तरह से बडे़-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के चुंगल में होने का ही परिणाम है कि देश के गरीबों व उपेक्षितों के हित व कल्याण की हर व्यवस्था चरमरा गई है।
बीजेपी के खिलाफ भ्रष्टाचार आदि के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं फिर भी भ्रष्टाचारियों को हर प्रकार का खुला संरक्षण देकर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है, शायद इसी डर से मोदी सरकार ने केन्द्र में अब तक बहुचर्चित ’’लोकायुक्त’’ की नियुक्ति नहीं की है जबकि दस सम्बंध में नया कानून लगभग साढे तीन वर्ष पहले देश में लागू हो चुका है।
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