• October 21, 2016

बीजेपी कोई भालू या बाघ नहीं — शैलेश कुमार

बीजेपी कोई भालू या बाघ नहीं  —  शैलेश कुमार

मोदी बीजेपी से कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए। आज सभी इस्लामिक राष्ट्र मोदी भारत के साथ है। इसलिए भारतीय मुस्लिमों को भी मोदी के साथ चलना चाहिए।

किसी को यह नहीं समझना चाहिये की बीजेपी कोई भालू या बाघ है जिससे प्राण बचाने के लिए भागने की जरूरत है।

मेरा कहना है – भारत ही ऐसा देश है जिसमें दो विपरीत धर्म , एक खून और एक देश।
आप इस्लामिक राष्ट्र को देखिए । कोई ऐसा राष्ट्र नहीं है जो खून से लतपथ है।

वहाॅ कौन सा हिंदू है ?

कुछेक घटनाओं को छोड़कर , भारत को देखिए ! हर जगह अमन छाया हुआ है क्योंकि यहाॅ दोनो धर्म एकता और मानवता में विश्वास कर साथ – साथ चलते है।

मैं ये नहीं कहता हॅू की आप बीजेपी को सहयोग करें लेकिन बुद्धिजीवी और विद्वान मुस्लिम अपने आप में मंथन करें की उन्हें क्या मिला ?

65 वर्षाें तक कांग्रेस का साथ दिया। कांग्रेस के विलुप्त होने के बाद क्षेत्रीय दल – राजद, सपा, मार्क्सवादी पार्टी बंगाल और अब ममता बनर्जी से क्या मिला !

सिर्फ घृणास्पद तथ्य के रूप में प्रचारित हए।

अब 1960 दशक के मुस्मिल नहीं हैं। उस समय के मुस्लिम नादान और राजनीतिक रूप से पूर्ण अनभिज्ञ होते थे। इसलिए वे कांग्रेस पार्टी के एक्का थे। लेकिन अब इन वर्गोें में प्रत्येक क्षेत्र में काफी जागरूकता आई है।

रोजी – रोटी के तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने से देश और समाज के बारे में काफी जानकारी हासिल प्रात किये है। इसलिए अगर अब भी किसी पार्टी के ओर मुॅहताज हैं तो उनलोगों की अपनी गलतियाॅं है।

अब उन्हें देश के मुख्य धारा अर्थात हिंदूओं के संग आ जाना चाहिए।

भारत के मुस्लिम अपने को कितना ही इस्लाम परस्त घोषित कर लें लेकिन अगर उनके कौम के महिला दुराचारी हो तो उन्हें इस्लाम और कुरान के तहत सजा नहीं दे सकते — अल्लाह के नाम पर मिटटी में गाड़कर पति, बेटा, बेटी, इमाम, मौलवी से पत्थर मरवाकर मौत की सजा नहीं दे सकते क्योंकि यहाॅ के मुस्लिम धर्म से इस्लाम है लेकिन दिल से भारतीय है और भारत में ऐसी सजा देने का कोई प्रावधान नहीं है।

उदारतापूर्वक सोचिये , आपके समाज में गलतियां है की नहीं , उसे समाप्त करना चाहिए या नहीं। किसी भी समाज के बुरी प्रथा को समाप्त करना उस समाज के बुद्धिजीवी और विद्वान् लोगों का नैतिक कर्तव्य है।

कुंठित लोगो को जागरूक करना भी एक सामाजिक दायित्व है।

अब देखिये ! एक विधायक का अनर्गल प्रलाप – उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनाते ! क्या एक विधायक प्रधानमंत्री बन सकता है ! प्रधानमंत्री बनने के लिए तो संसद का सदस्य होना चाहिए न !!

मोदी बीजेपी से कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए !!

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