- February 14, 2022
बिहार: लोगों का मानसिक स्वास्थ्य और उनका इलाज बिहार सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे नीचे है
पटना हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों का मानसिक स्वास्थ्य और उनका इलाज बिहार सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे नीचे है। इसी के साथ कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की स्थापना सुनिश्चित करें।
जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की डिवीजन बेंच ने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने वाले किसी प्राधिकरण के न होने पर आश्चर्य जाहिर किया और तंज कसते हुए कहा, “ऐसा लगता है कि लोगों का मानसिक स्वास्थ्य और जिनको इलाज की जरूरत है, खासकर कोरोना महामारी के समय में, ऐसे लोग राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे नीचे हैं.
पटना हाईकोर्ट ने आकांक्षा मविया की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की। आकांक्षा ने कोर्ट से अपील की थी कि वह राज्य सरकार को एक वैध और सक्रिय मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण बनाने का निर्देश दे, जो कि मेंटल हेल्थकेयर, एक्ट 2017 के तहत काम करे और मानसिक दिक्कतों से पीड़ित लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन और काउंसलिंग सेंटर भी शुरू हों।