- May 19, 2022
बिहार : बाढ़ और सुखाड़ पूर्व समीक्षा : प्राभारी मंत्रियों को डीएम के साथ समीक्षा बैठक करने का निर्देश
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ और सुखाड़ पूर्व की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने निर्देश दिया कि एक जून तक तैयारियों को पूरा किया जाए. उन्होंने प्रभारी मंत्रियों को संबंधित जिलों के डीएम के साथ समीक्षा बैठक करने का निर्देश भी दिया.
बैठक में सबसे पहले मौसम विभाग के प्रतिनिधियों ने रखी अपनी बात
मुख्यमंत्री कार्यालय में सबसे पहले इसको लेकर मौसम विभाग के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रखी और कहा कि राज्य में 13 जून तक मानसून आने की संभावना है. इस साल मानसून के दौरान सामान्य या फिर उससे अधिक बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के बाद आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल का प्रेजेंटेशन हुआ, जिसमें उन्होंने बाढ़ और सुखाड़ से पहले की जा रही तैयारियों के बारे में बताया.
उन्होंने कहा कि आपदा को लेकर तय मानदंड के तहत ही सभी जिलों में तैयारियां की जा रही हैं. बाढ़ प्रभावित जिलों में नाव संचालन, पॉलीथीन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा, आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन और फूड पैकेट, जिला आपातकालीन संचालन केंद्र को लेकर काम हो रहा है.
आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा कि बाढ़ के दौरान राहत शिविरों में पीड़ितों को सभी तरह की सुविधाएं दी जाती है. सामुदायिक रसोई का संचालन अच्छी तरह से किया जाता है, जिसमें बनने वाला भोजन गुणवत्तापूर्ण होता है. बिहार देश का पहला राज्य है, जहां बाढ़ के दौरान सामुदायिक रसोई का संचालन किया जाता है.
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित विभागों के पदाधिकारियों एवं जिले के जिलाधिकारियों ने संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की तैयारियों के लिए किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि मॉनसून के आगमन के पूर्व सभी तैयारियां समय पूरी कर ली जाए, आपदा प्रबंधन विभाग इसकी जानकारी लेता रहे. बाढ़ की स्थिति में प्रभावित क्षेत्रों का सही आकलन करवाएं प्रभावित परिवारों की सूची बनाते समय यह ध्यान रखा जाय कि कोई भी वास्तविक हकदार लाभ से वंचित न रहे, यह सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि जिन जिलों में बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है. वहां तेजी से इस पर कार्य करें. पिछले वर्ष सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया गया था. इस वर्ष भी बाढ़ की स्थिति में सामुदायिक रसोई का संचालन बेहतर ढंग से किया जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में नावों का संचालन ठीक ढंग से हो इसके लिए नावों की पर्याप्त उपलब्धता रखें. बाढ़ के दौरान उपयोग में लाए जानेवाले निजी नावों के भाड़े एवं नाविकों की मजदूरी का भुगतान ससमय सुनिश्चित करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव दवा, पशु दवा, सांप काटने की दवा, कुत्ता काटने की दवा, ब्लीचिंग पाउडर, डायरिया की दवा की पर्याप्त उपलब्धता रखें. उन्होंने कहा कि पथ निर्माण एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों की मरम्मत की पूर्ण तैयारी रखें.
उन्होंने कहा कि विशेष आश्रय स्थलों को चिह्नित करें. इसको लेकर जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श करें. पुल / पुलियों के वेंट की साफ-सफाई का कार्य भी मॉनसून के पहले पूर्ण करें. नदियों के गाद की उड़ाही एवं शिल्ट हटाने को लेकर तेजी से कार्य करें. इससे बाढ़ का खतरा भी कम रहेगा और नदियों की जल संग्रहण क्षमता भी बढ़ेगी. जल-जीवन- हरियाली अभियान के तहत सात अवयवों में जल संरक्षण को लेकर कार्य किए जा रहे हैं, इसकी भी निगरानी करें.