- November 27, 2019
बिहार पवेलियन को 5वीं बार गोल्ड मेडल सम्मान
पटना —–: नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 39वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार पवेलियन को इस साल भी गोल्ड मेडल से पुरस्कृत किया गया। पिछले 38 वर्षों से हो रहे इस आयोजन में उत्कृष्ट साज-सज्जा के लिए बिहार को वर्ष 2014, 2015, 2016 एवं 2018 में गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ था।
वर्ष 2019 में भी आई.टी.पी.ओ. द्वारा बिहार सरकार को इस साल भी पवेलियन को उत्कृष्ट साज-सज्जा एवं प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल मिला है। इस मौके पर पुरस्कार आज प्रगति मैदान स्थित हंसध्वनी थियेटर में भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल द्वारा बिहार के उद्योग विभाग, बिहार सरकार के सचिव श्री नर्मदेश्वर लाल, स्थानीय आयुक्त श्री विपिन कुमार, उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक श्री अशोक कुमार सिन्हा के साथ मंडप निदेशक श्री बिशेश्वर प्रसाद और धमेंद्र सिंह, लोकेश झा ने ग्रहण किया।
अवार्ड दिलाने में राज्य के प्रमुख चार कलाओं मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग, टिकुली पेंटिंग एवं टेराकोटा कला ने बिहार को एक बार फिर गौरवान्वित किया है। उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना को बिहार पवेलियन सजाने संवारने के लिए इस बार नोडल एजेंसी बनाया गया था।
उपेंद्र महारथी अनुसंधान संस्थान के निर्देशन में दिल्ली की जानी मानी इंवेंट कंपनी मोड इंटिरियर प्राइवेट लिमिटेड के गिरीश गुजराल ने सजाने संवारने का काम किया। हेंडमेड पेंटिंग से पूर्णतः बनी इस पबेलियन को सजाने संवारने में जिन कलाकारों का प्रमुख योगदान रहा उनमें में राजकुमार लाल, सरिता दत्ता, राम कुमार दत्ता, सोनी, संजय कुमार, अनिल कुमार, श्री कुशवाहा, दीपा देशवाल आदी रही।
श्री श्याम रजक, माननीय मंत्री, उद्योग विभाग, बिहार सरकार ने 39 वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार पवेलियन को पुरस्कृत किये जाने पर प्रसन्नता जाहिर की और आई.टी.पी.ओ. को इसके लिए शुक्रिया अदा किया। मंत्री महोदय ने बिहार पवेलियन में जीवंत प्रदर्शन कर रहे कलाकारों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है। हस्तशिल्प के क्षेत्र में भी बिहार प्रगति की ओर अग्रसर है, यह पुरस्कार उसी का सूचक है। माननीय मंत्री, उद्योग विभाग ने इस असाधारण उपलब्धि के लिए उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान की सराहना की है।
उद्योग विभाग, बिहार सरकार के सचिव श्री नर्मदेश्वर लाल ने गोल्ड मेडल मिलने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि ‘‘बिहार प्राचीन काल से ही कला एवं शिल्प के मामले में संवृद्ध रहा है। बिहार मंडप में हमने उसकी एक झलक पेश की और उसकी बदौलत हम गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहे है‘‘।
यह बिहार के लिए बड़े गौरव एवं सम्मान की बात है कि 39 वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में पवेलियन को उत्कृष्ट साज-सज्जा एवं प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है। बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा बिहार पवेलियन के क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में लगातार छठी बार उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना को बिहार पवेलियन के आयोजन एवं सजाने संवारने की जिम्मेवारी दी गई थी। उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान बिहार पवेलियन को आकर्षक रूप देने में दिन रात लगे हुए थे जिसके कारण आज बिहार पवेलियन को गोल्ड मिला है।
उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना के निदेशक, श्री अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि इस बार पूरे बिहार पवेलियन को बिहार के चार प्रमुख कलाओं में हैंड पेंटिंग से सजाया गया था। इसके लिए लिए बिहार से विशेष तौर पर शिल्पकार बुलाए गए थे।
श्री सिन्हा ने बताया कि बिहार की पारंपरिक कलाएं जैसे मधुबनी पेंटिंग, टिकुली पेंटिंग, मंजूषा कला और सिक्की कला अब अंतर्राष्ट्रीय पहचान बना चुकी है। हमने बिहार मंडप के बाहरी भाग को पूरी तरह से इन कलाओं के माध्यम से सुसज्जित किया था। साथ ही मुख्य द्वार पर एक तरफ महात्मा गाँधी की विशाल तस्वीर लगाई गई थी। वहीं, दूसरी तरफ बिहार के विकास के प्रतीक माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर एवं बिहार के औद्योगिक विकास का संदेश दर्शाया गया था।
बिहार मंडप को इस बार आई.टी.पी.ओ. द्वारा इस वर्ष मेले की थीम ‘‘इज आॅफ डुइंग बिजनेश‘‘ के अनुरूप नायाब रूप दिया गया था।
श्री अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि इस बार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला का थीम ‘‘इज आॅफ डुइंग बिजनेश‘‘ था एवं बिहार सरकार इज आॅफ डुइंग बिजनेश के मामले में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में आता है। हमने मेले के थीम के अनुरूप विभिन्न पैनलों के माध्यम से बिहार में हुई प्रगति से बिहार मंडप में दिखाने का बेहतर प्रयास किया था।
बिहार सरकार द्वारा विगत वर्षों के दौरान ढेर सारी नई योजनाओं की शुरूआत की गई है जिनमें नई औद्योगिक नीति, सात निश्चय, सिंगल विंडो सिस्टम सहित कई कार्यक्रम से बिहार में सभी क्षेत्रों में बहुत से नए वेंचर सामने आए हैं। सड़क, यातायात, सुरक्षा व्यवस्था, सुदूर गाँवों में 22 से 24 घंटे बिजली मुहैया कर बिहार ने नया कीर्तिमान बनाया है।
बिहार मंडप का मुख्य आकर्षण इस बार बिहार मंडप के मध्य भाग में बिहार के सात निश्चय के वृक्ष रूपी माॅडल बनाया गया था जिसके नीचे बिहार के चार प्रमुख शिल्प कला का जीवंत प्रदर्शन रहा। टेराकोटा शिल्प का लाइव डेमो स्टेट अवार्ड विजेता पटना की नीतू सिन्हा ने किया।
टिकुली कला में जीवंत प्रदर्शन राज्य पुरस्कार विजेता शबीना इमाम, वहीं सिक्की कला में जीवंत प्रदर्शन रैयाम (मधुबनी) की राज्य पुरस्कार विजेता श्रीमती मुन्नी देवी तथा कैमूर से राज्य पुरस्कार विजेता श्री संतोष कुमार गुप्ता ने स्टोन क्राफ्ट में जीवंत प्रदर्शन किया। बिहार मंडप में आने वाले लोगों को बिहार के इन चार कलाओं का जीवंत प्रदर्शन मुख्य रूप से आकर्षित कर रहा था। इसके अलावा बिहार मंडप में मुख्यमंत्री के सात निश्चय एवं बिहार सरकार की विकासात्मक गतिविधियों को विभिन्न पैनलों के माध्यम से दर्शाया गया था।
श्री सिन्हा ने बताया कि इस बार बिहार पवेलियन में हैंडलूम एवं हैण्डीक्राफ्ट के 22 स्टाॅल लगाया गए है, जिनमें 11 हैंडलूम और 11 हैण्डीक्राफ्ट के स्टाॅल है। इन स्टाॅलों पर बिहार की पारंपरिक हस्तकलाओं एवं हस्तकरधा उत्पाद जिनमें नालंदा का बाबन बूटी, भागलपुर का तसर सिल्क, मिथिलांचल की मधुबनी पेंटिंग, पटना की टिकुली पेंटिंग इत्यादि को प्रमुखता दी गई है।
उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना के निदेशक, श्री अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि विगत 06 वर्षों से हमारी संस्थान को बिहार मंडप के आयोजन की जिम्मेवारी दी जा रही है और इन 06 वर्षों में 05 बार बिहार गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहा है। इस बार भी हमारा प्रयास था कि हम आई.टी.पी.ओ. की थीम के अनुरूप सजावट, आयोजन एवं संचालन से बिहार पवेलियन को गोल्ड दिलाएं। उसमें हम कामयाब रहे हैं।
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के दौरान 21 नवम्बर को बिहार दिवस का आयोजन किया गया था जिसके अन्तर्गत बिहार मंडप का विधिवत उद्घाटन एवं सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया था। बिहार सरकार के उद्योग मंत्री श्री श्याम रजक ने बिहार दिवस का उद्घाटन किया था और उन्होंने पवेलियन का परिभ्रमण भी किया।
बिहार पवेलियन में लगे सभी स्टालों के हस्तशिल्प एवं हस्तकरधा उत्पादों की माननीय उद्योग मंत्री ने जमकर तारीफ की। यहाँ पर चल रहे टेराकोटा, टिकुली पेंटिंग, सिक्की कला एवं स्टोन क्राफ्ट के जीवंत प्रदर्शन को देख उद्योग मंत्री काफी खुश हुए एवं इन सभी कलाकारों की जमकर सराहना एवं उत्साहवर्धन किया था।
इस अवसर पर बिहार सरकार के उद्योग विभाग के सचिव श्री नर्मदेश्वर लाल, उद्योग विभाग के निदेशक श्री पंकज कुमार सिंह, उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक श्री अशोक कुमार सिन्हा, एवं बियाडा के प्रबंध निदेशक श्री रविशंकर श्रीवास्तव सहित कई लोग मौजूद रहे।
बिहार दिवस पर प्रगति मैदान के हंसध्वनि थियेटर में सांस्कृतिक संध्सा का आयोजन किया गया जिसमें बिहार के पारंपरिक लोक संगीत के गायक एवं गायिकाओं ने अपनी प्रस्तुति से बिहार दिवस के सांस्कृतिक संध्या को यादगार बना दिया। उषा कुमारी, नीतू कुमारी नवगीत, सत्येन्द्र संगीत एवं अमर आनंद ने जहाँ अपनी गायिकी से लोगों का दिल जीत लिया, वहीं श्री अभय सिन्हा के प्रांगण ग्रुप के लोक नृत्य ने लोगों का मन मोह लिया था।
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