बिहार :: गलगलिया मेँ 108 करोड़ की लागत से ग्लूकोज की फैक्ट्री — सौ करोड़ की लागत से फ्लाई ऐश ब्रिक्स फैक्ट्री —- सैय्यद शाहनवाज हुसैन

बिहार ::   गलगलिया मेँ 108 करोड़ की लागत से ग्लूकोज की फैक्ट्री  — सौ करोड़ की लागत से फ्लाई ऐश ब्रिक्स फैक्ट्री —- सैय्यद शाहनवाज हुसैन

किशनगंजः प्रदेश में उद्योगों को लगाने के लिए निवेशकों का आकर्षित करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है. हाल ही में दिल्ली में इसको लेकर इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया था. बिहार में कई निवेशक निवेश करने को तैयार भी हैं. ऐसे में बिहार के उद्योग मंत्री सैय्यद शाहनवाज हुसैन बागडोगरा एयरपोर्ट से किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड पहुचे.

उद्योग मंत्री ने ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत गलगलिया स्थित चल रहे कई उद्योगिक कार्यों का जायजा लिया. उद्योग मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि ठाकुरगंज प्रखंड का गलगलिया इलाका उद्योग लगने के क्षेत्र में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ इलाका है.

इस क्षेत्र में उद्योग की अपार संभावनाएं है, क्योंकि ये इलाका नेपाल, वर्मा और बंगलादेश के अलावे नार्थ ईस्ट का कॉरिडोर है. उन्होंने कहा कि लगभग 108 करोड़ की लागत से ग्लूकोज की फैक्ट्री में काम चल रहा है. जिसकी उत्पादन क्षमता 300 टन है. इसके उत्पादन क्षमता को दोगुना करने के लिए प्रयास जारी है.

सैय्यद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि ग्लुकोज फैक्ट्री के ठीक बगल में सौ करोड़ की लागत से फ्लाई ऐश ब्रिक्स फैक्ट्री चल रही है. जिसमें एक सौ लोगों को रोजगार मिल रहा है. ग्लुकोज फैक्ट्री में लगभग पांच सौ लोगों को रोजगार मिला है. शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इसके अलावे इसी इलाके में 173 करोड़ की लागत से अनमोल बिस्किट की फैक्ट्री का काम किया जा रहा है. जिस फैक्ट्री के निर्माण होने से करीब 800 से 900 लोगों को रोजगार मिलेगा.

मंत्री ने कहा कि यहां पर इंडस्ट्रियल एरिया डेवलप करेंगे हम यहां पर लेदर पार्क बनाने जा रहे हैं. ऐसे में लोगों को रोजगार में तरक्की मिले इसके लिए बिहार सरकार और बंगाल के उद्योगपति आकर यहां उद्योग स्थापित कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि बिजली की समस्या को दूर करने के लिए प्रयास जारी है. वहीं उद्यमियों ने कहा कि बिहार सरकार इस इलाके में बिजली की समस्या को दूर कर देती है तो दर्जनों उद्योग और भी इस क्षेत्र में लग सकते हैं.

Related post

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

  कल्पना पाण्डे———प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एवं निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके…
साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…

Leave a Reply