• September 29, 2015

बांसवाड़ा में दौ सौ शौचालयों का निर्माण : सरेडीबड़ी ग्राम खुुले में शौच से मुक्त

बांसवाड़ा में दौ सौ शौचालयों का निर्माण  : सरेडीबड़ी ग्राम खुुले में शौच से मुक्त

जयपुर – स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ताजों वागड़ अभियान के तहत बांसवाड़ा जिले की गढ़ी उपखण्ड क्षेत्र के सरेड़ीबड़ी ग्राम पंचायत खुले में शौच से मुक्त अभियान को नई दिशा देने की ओर अग्रसर हो रही है वहां के ग्राम्यवासियों ने शौचालयों के निर्माण कार्य को पूर्ण करने में हौड़ सी मची हुई है और शीध्र ही सरेडीबड़ी ग्राम स्वच्छ भारत मिशन की परिकल्पना को साकार मूर्त रूप देने में कीर्तिमान स्थापित करेगा।
इस ग्राम पंचायत के प्रभारी अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री एन.के.कोठारी ने बताया कि गांव की निगरानी समिति, जनप्रतिनिधियों की सकारात्मक पहल ग्राम्यवासियों में ताजों वागड़ अभियान के प्रति सकारात्मक सोच के साथ संकल्पित होकर अपने गांव को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए पूरी तरह से जुटी हुई है।
उन्होंने बताया कि सोमवार को सरडेबड़ी ग्राम में आयोजित समारोह में गढ़ी के प्रधान लक्ष्मण डिडोंर, ग्राम सरपंच, पटवारी, सचिव ग्राम रोजगार सहायक, अध्यापक, ग्राम के जनप्रतिनिधिगण, ग्राम के नवयुवकों व सरकारी कार्मिकों की मौजूदगी में 51 परिवारों द्वारा शौचालयों के निर्माण कार्य पूर्ण होने पर उन्हें हाथों हाथ प्रत्येक परिवार को 12-12 हजार रुपए के चैक वितरित कर कुल 6 लाख 12 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई हैं । उन्होंने बताया कि अभी गांव में 157 परिवारों द्वारा शौचालयों के निर्माण पूर्ण कर उपयोग में लेना प्रारंभ कर दिया है वहीं दौ सौ शौचालयों के निर्माण कार्य प्रगति पर है और यथाशीध्र पूर्ण कर लिये जाएगें।
उल्लेखनीय है कि जिले के गढ़ी उपखण्ड क्षेत्र के ग्राम सरेडीबडी को अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री एन.के.कोठारी ने गोद लेकर प्रतिदिन अलसवेर पांच बजे पहुंच कर निगरानी समिति के सदस्यों के साथ खुले में शौच से मुक्त कराने के प्रयास लगे हुए हैं और ग्रामवासी स्वच्छता के प्रति जागरूक होकर घर-घर शौचालयों के निर्माण कार्य में जुट गए हैं। इस कार्य में स्थानीय जनप्रतिनिधियों व नवयुवकों को साथ लेकर खुले में शौच जाने वाले पुरूष व महिलाओं को अपने घरों में शौचालयों के निर्माण के लिए प्रेरित कर रहे है जिसमें सरेडीबडी के छात्रावासोंं में रह रहे बालक-बालिकाओं का सहयोग भी लिया जा रहा है, जो प्रात: ही खुले में शौच जाने वाले व्यक्तियों को रोकते, टोकते है वह समझाइश करते हैं।

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