बजट : सभी वर्गों के कल्याण के साथ बुनियादी जरूरतों के सापेक्ष —आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह

बजट  : सभी वर्गों के कल्याण के साथ बुनियादी जरूरतों के सापेक्ष —आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने विधानसभा में पेश बजट को आत्मनिर्भता के साथ मध्यप्रदेश की तस्वीर बदलने वाला बताते हुए कहा कि सभी वर्गों के कल्याण के साथ बुनियादी जरूरतों और सुविधाओं को सुदृढ़ बनाते हुए विस्तार की एतिहासिक पहल की गई है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार किसान एवं गरीब कल्याण की दिशा में आगे बढ़ रही है। साथ ही युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में सहभागी बनाया जा रहा है।

सरकार शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए भूमिहीन परिवारों को आवासीय भूमि का पट्टा प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदेश को देश का दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। सरकार का लक्ष्य है कि घर-घर तक पीने का पानी, सीवेज, की व्यवस्था, बिजली, अच्छी सड़कें तथा स्वच्छ वातावरण हो। साथ ही रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हों।

शहरी स्वच्छता परिदृश्य में आमूल-चूल बदलाव आया है। स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में हमारे प्रदेश को देश में तीसरा स्थान और इंदौर शहर को लगातार पांचवीं बार देश के स्वच्छतम शहर का पुरस्कार तथा 5 स्टार रेटिंग के साथ देश के पहले वाटरप्लस शहर होने का सम्मान भी प्राप्त हुआ है। इसके अतिरिक्त 9 शहरों को 3 स्टार, 17 शहरों को स्टार प्राप्त हुआ है।

प्रदेश के 7 शहरों में स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत कार्य चल रहे हैं। शहरों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री शहरी पथ विक्रेता योजना, मुद्रा योजना आदि अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल के निर्माण कार्य प्रगति पर हैं।

मंत्री श्री सिंह ने कहा है कि केन-बेतवा लिंक परियोजना न केवल एक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय परियोजना है, अपितु यह बुंदेलखंड की तस्वीर तथा तकदीर बदलने का महाअभियान है। मध्यप्रदेश को 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई, 41 लाख आबादी के लिए पेयजल एवं 103 मेगावाट विद्युत उत्पादन होगा। इस परियोजना के लिए 44 हजार 605 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। इससे स्थानीय रोजगार के अवसरों में बड़ी वृध्दि होगी। जल जीवन मिशन प्रारंभ कर देश में एक नई जल-क्रांति को जन्म दिया गया है। वर्तमान में 47 लाख से अधिक परिवारों को पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी है। इस वर्ष कुल 11 हजार 190 करोड़ रुपए की 17 हजार 318 ग्रामों की एकल ग्राम नल-जल योजनाएं तथा 18 हजार 454 करोड़ रुपए की 16 हजार 853 ग्रामों की 75 समूह नल-जल योजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं।

जल जीवन मिशन के लिए वर्ष 2022-23 में केंद्रांश 3 हजार 150 करोड़ तथा राज्यांश 3 हजार 150 करोड़, कुल 6 हजार 300 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

सागर जिले में लगभग 1 हजार 500 मेगावॉट क्षमता की सौर पार्क परियोजना, ओंकारेश्वर जलाशय में 600 मेगावॉट क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना, छतरपुर में 1 हजार 500 मेगावॉट की सौर परियोजना स्थापित करने की कार्यवाही प्रचलित है।

बजट में नगरीय विकास एवं आवास विभाग पर एक नजर

स्थानीय निकायों को मूलभूत सेवाओं के लिए एकमुश्त अनुदान (राज्य करों में हिस्सा) के लिए 1906 करोड़ का प्रावधान। नगरीय विकास एवं आवास विभाग लगातार प्रदेश की तस्वीर बदलने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। बजट में नागरिकों को उत्तम सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। प्रवेश कर से नगरीय निकायों को हस्तांतरण के लिए 3600 करोड़ का प्रावधान है।

हाउसिंग फॉर ऑल के लिए 1500 करोड़, 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार स्थानीय निकायों को अनुदान के लिए 1034 करोड़ रुपए, पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क के अधिकार से नगरीय निकायों द्वारा अथवा उनकी ओर से लिए गए ऋण/ब्याज के प्रतिसंदाय के लिए 650 करोड़ का प्रावधान है।

वैट कर प्रणाली लागू होने से इसकी क्षतिपूर्ति राशि का नगरीय निकाय को हस्तांतरण के लिए 600 करोड़, और स्थानीय निकायों को मूलभूत सेवाओं के लिए एकमुश्त अनुदान (राज्य करों में हिस्सा) के लिए 554 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

स्मार्ट सिटी मध्यप्रदेश की नई पहचान बनकर उभर रहे हैं। स्मार्ट सिटी के लिए 525 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार मेट्रो रेल मध्य प्रदेश को नई ऊर्जा देंगे। मेट्रो रेल के लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। धनवेष्ठन/ निवेश के लिए 525 करोड़ रुपए का प्रावधान है। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार मिलियन शहरों को अनुदान के लिए 468 करोड़ रुपए का प्रावधान है। बजट में एमपी अर्बन सर्विस इंप्रूवमेंट प्रोग्राम (एडीबी) के लिए 460 करोड़ रुपए का प्रावधान है। वाहनों पर कर से नगरीय निकायों को सड़क मरम्मत के लिए अनुदान के लिए 408 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

पंजीयन एवं मुद्रांक शुल्क के अधिभार का नगरीय निकायों को हस्तांतरण के लिए 297 करोड़, नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपए, अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉरमेशन के लिए 200 करोड़, नगरीय निकायों को कार्यशील पूंजी के लिए 200 करोड़, स्वच्छ भारत अभियान के लिए 175 करोड़ का प्रावधान किया गया है। मध्य प्रदेश इंदौर शहर स्वच्छता में लगातार 5 वर्ष से शीर्ष पर है। नगरीय निकायों को समेकित अनुदान के लिए 151 करोड़ का प्रावधान है। एमपी अर्बन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (विश्व बैंक) के लिए 100 करोड़, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के लिए 100 करोड़ और मध्य प्रदेश अर्बन सैनिटेशन एंड एनवायरमेंट सेक्टर प्रोग्राम एमपी के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

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