बजट में किये प्रावधानों से नगरों का सर्वांगीण विकास-नगरीय विकास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह

बजट में किये प्रावधानों से नगरों का सर्वांगीण विकास-नगरीय विकास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह

भोपाल :———-नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि बजट में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के लिये किये गये बजट प्रावधानों से नगरों का सर्वांगीण विकास होगा। श्री सिंह ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2021 के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में 13 हजार 188 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण योजना हाउसिंग फॉर आल के अंतर्गत 1500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। श्री सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश के बजट का आधार आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश है। यह बजट मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

मेट्रो रेल के लिये 262 करोड़ रूपये

भारत सरकार की महती अमृत योजना में एक हजार करोड़, स्मार्ट सिटी योजना में 900 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया हैं। भोपाल एवं इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना के लिए वर्ष 2021-22 में 262 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन की संकल्पना के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में न केवल स्वच्छ भारत मिशन के प्रथम अभियान को 150 करोड़ रूपये के साथ ही स्वच्छ भारत मिशन-2, जो भारत सरकार द्वारा इस वर्ष लागू किया जा रहा है, उसके लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। नवीन जल-जीवन मिशन शहरी–2 के लिए भी 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

चुंगी क्षतिपूर्ति राशि हुई 3600 करोड़

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने कहा है कि नगरीय निकाय अपने कार्यों तथा वेतन भत्तों के लिए राज्य सरकार के अनुदान पर निर्भर रहते हैं। चुंगी क्षतिपूर्ति में लगभग 1000 करोड़ की कटौती कर दी गई थी, इसको बढाकर हमारी सरकार ने 2021 के लिए 3600 करोड़ का प्रावधान किया है। इसी प्रकार निर्यात कर क्षतिपूर्ति के लिए 89 करोड़ रूपये एवं यात्री कर क्षतिपूर्ति के लिए 61 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। नगरीय निकाय को अनुदान के लिए मूलभूत सुविधा के लिए 600 करोड़ रुपए, सड़क मरम्मत के लिए 208 करोड रुपए तथा राज्य वित्त आयोग के करो के हिस्सों में 330 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

श्री सिंह ने कहा है कि बजट में सुंदरलाल पटवा अभिशासन एवं नगरीय प्रबंध संस्थान के लिये 28 करोड़ 70 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। शहरी गरीबों की योजनाओं में भी राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये और दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना में 7 करोड़ का का प्रावधान किया गया है। नगरों में पेयजल तथा सीवरेज सुविधा प्रदाय किए जाने के लिए – एडीबी परियोजना के अंतर्गत 300 करोड़ तथा विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत 361 का प्रावधान हमारी सरकार ने किया है। भारत सरकार के 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर नगरीय निकायों को अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इस अनुदान के अंतर्गत 10 लाख से अधिक आबादी के चार महानगरों के लिए 452 करोड़ तथा अन्य नगरीय निकायों के लिए 998 करोड़ का प्रावधान इस वर्ष के बजट में किया गया है। इस तरह से यह बजट नगरों के विकास के लिये मील का पत्थर साबित होगा।

Related post

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…
जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

लखनउ (निशांत सक्सेना) : वर्तमान में दुनिया जिन संकटों का सामना कर रही है—जैसे जैव विविधता का…
मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

पेरिस/मोरोनी, (रायटर) – एक वरिष्ठ स्थानीय फ्रांसीसी अधिकारी ने  कहा फ्रांसीसी हिंद महासागर के द्वीपसमूह मायोट…

Leave a Reply