- October 16, 2023
प्रेक्षकों को अपने काम में स्पष्ट, सुगम्य, निष्पक्ष और नीतिपरक होना चाहिए
भारत निर्वाचन आयोग :
मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में विधान सभा निर्वाचनों के लिए सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों के लिए विवरण बैठक का आयोजन किया
प्रेक्षकों को अपने काम में स्पष्ट, सुगम्य, निष्पक्ष और नीतिपरक होना चाहिए
लगभग 1180 प्रेक्षक, निर्वाचनों की निगरानी करने और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए इन पांचों राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में जाएंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने आयोग के प्रेक्षकों को, सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने हेतु समन्वित तरीके से कार्य करने का निदेश दिया है ताकि स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं प्रलोभन-मुक्त निर्वाचनों को सुनिश्चित किया जा सके। वे मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना की विधान सभाओं के आगामी निर्वाचनों के लिए तैनात किए जाने वाले प्रेक्षकों की विवरण बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनका (प्रेक्षकों का) काम निर्वाचनों में समान अवसर और शुचिता सुनिश्चित करना है। श्री राजीव कुमार ने कहा कि आयोग घर से मतदान (home voting) और सुगम मतदान केंद्रों जैसे विशेष प्रावधानों की सहायता से दिव्यांगजनों (PwD), वरिष्ठ नागरिकों (80+) और विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूहों (PVTG) को सुविधा प्रदान करके और शामिल करके अपने मानवीय होने पर उत्तरोत्तर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
निर्वाचन आयुक्त अनूप चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि निर्वाचन न केवल निष्पक्ष होना चाहिए बल्कि निष्पक्ष दिखना भी चाहिए। उन्होंने प्रेक्षकों को सोशल मीडिया पर नजर रखने और सुधारात्मक कार्रवाइयां सुनिश्चित करने का अनुदेश दिया।
निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने प्रेक्षकों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि वे अपना काम पूर्ण मनोयोग से निष्पादित करें तथा कानून का शासन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रेक्षक आयोग की आंख एवं कान हैं और उन्हें शिकायतों को तत्परता से निपटाना चाहिए।
वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्तों/उप निर्वाचन आयुक्तों तथा महानिदेशकों ने भी प्रेक्षकों को निर्वाचन से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयवस्तुओं जैसे ईवीएम, निर्वाचक नामावली, आदर्श आचार संहिता, व्यय, विधिक प्रावधानों, आईटी पहल, मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (MCMC) एवं सोशल-मीडिया से संबंधित मानक प्रचालन प्रक्रियाओं के बारे में विवरण दिया।
लगभग 1180 पदाधिकारियों ने कॉस्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में इन सत्रों में भाग लिया। देश भर से आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और अन्य लेखा सेवाओं से लिए गए अधिकारीगण सामान्य, पुलिस और व्यय प्रेक्षकों के रूप में तैनात किए गए हैं।