- March 15, 2017
प्री फेब्रिकेटेड तकनीक से 680 उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण
जयपुर———- प्रदेश में प्री फेब्रिकेटेड तकनीक से 680 उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं 84 केन्द्रों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त 155 स्थानों पर भूमि आवंटित होते ही निर्माण कार्य करवाया जायेगा।
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती वीनू गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रातः स्वास्थ्य भवन में समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गयी। बैठक चिकित्सा विभाग की विभिन्न शाखाओं- प्रशासन, वित्त, सिविल, आरएमसीएल इत्यादि के नोडल अधिकारियों ने अपनी प्रगति की जानकारी दी।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से संबंधित विभिन्न बजट घोषणाओं की निर्धारित समयावधि में क्रियान्विति करने के लिए समयबद्ध कार्य योजना बनाकर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। श्रीमती गुप्ता ने प्री फेब्रिकेटेड तकनीक से निर्मित उपस्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों को संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल सुपुर्द कर उनमें स्वास्थ्य सेवाएं प्रारम्भ करने के निर्देश दिये। इन केन्द्रों पर प्रति केन्द्र के निर्माण पर 27 लाख रुपये की दर से भवन निर्माण हेतु कुल 248 करोड़ रुपये व्यय किये जा रहे हैं। इनमें उच्च प्राथमिकता वाले आदिवासी व मरूस्थलीय जिलों के 296 उपस्वास्थ्य केन्द्र के निर्माण भी शामिल हैं।
7 नये ब्लड बैंक का निर्माण प्रदेश में 150 से अधिक शैय्याओं वाले 7 चिकित्सालयों (नाथद्वारा-राजसमंद, लाडनू व डीडवाना-नागौर, सांगवाड़ा-डूंगरपुर, गंगापुरसिटी-सवाईमाधोपुर, फलौदी-जोधपुर एवं केकड़ी-अजमेर) में नये ब्लड बैंक बनकर तैयार हो गये हैं।
जयपुर के कांवटिया चिकित्सालय में आठवां ब्लड बैंक का कार्य 31 मार्च 2017 तक पूरा करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि 9 करोड़ 10 लाख रुपये की लागत से स्वीकृत किये गये 7 नये ब्लड कम्पोनेंट सेपरेशन युनिट निर्माण का कार्य चूरू, हनुमानगढ़, पाली, भीलवाड़ा, बारां, भरतपुर एवं सीकर जिलों में पूरा कर लिया गया है।
श्रीमती गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष के प्रस्तावित बजट की अनुपालना में राज्य के 7 जिला चिकित्सालयों-ब्यावर, अलवर, बूँदी, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, श्रीगंगानगर तथा झुंझुनूं में स्थापित ब्लड बैंक को ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट में क्रमोन्नत किया जायेगा। उन्होंने इसके लिए संबंधित अधिकारियों को 15 अप्रेल तक अपना विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
बे्रस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं में बे्रस्ट कैंसर की रोकथाम हेतु जिला चिकित्सालयों में स्क्रीनिंग एवं उपचार करवाने हेतु कार्यक्रम प्रारम्भ किये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इसके प्रथम चरण में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 300 एवं इससे अधिक शैय्याओं वाले 14 जिला चिकित्सालयों में महिलाओं की स्क्रीनिंग जांच एवं समुचित ईलाज करवाने हेतु कार्यक्रम प्रारम्भ किये जायेंगे।
उन्होंने इसके लिए संबंधित चिकित्साकार्मिकों को आवश्यक प्रशिक्षण देने की कार्यवाही प्रारम्भ करने के निर्देश दिये। स्वास्थ्य सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम श्री नवीन जैन ने विभिन्न शाखाओं द्वारा प्रस्तुत प्रगति की विस्तार से समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
बैठक में अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम श्री बी.एल. कोठारी, प्रबंध निदेशक आरएमएससीएल श्री ओम प्रकाश कसेरा, निदेशक आरसीएच डॉ.वी.के.माथुर, निदेशक एड्स डॉ. एस.एस. चौहान सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।