• July 21, 2018

प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसीयों को मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षण लेना अनिवार्य—अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था

प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसीयों को मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षण लेना अनिवार्य—अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था

चंडीगढ़—– हरियाणा पुलिस ने प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा नियुक्त किए गए प्रत्येक गार्ड और सुपरवाइजर के लिए हरियाणा प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी ​​नियम, 2009 के तहत मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षण लेना अनिवार्य कर दिया है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था मोहम्मद अकील ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि सभी जिला पुलिस मुखियाओं को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि उनके अधिकार क्षेत्र में तैनात सभी सुरक्षा गार्ड और पर्सनल सिक्योरिटी आफिसर्स (पीएसओ) प्राधिकृत प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण लेंगें।

जिला पुलिस मुखियाओं को हरियाणा प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी ​​नियम, 2009 के तहत जिन गार्डों और सुपरवाइजर्स ने प्रशिक्षण लिया है, के पूरे रिकॉर्ड का रख-रखाव भी करेंगे। इसके तहत किसी भी कानून और आपातिक आदेश या अफवाह फैलने की स्थिति में उपयोग के लिए डाटाबेस सृजित करने के दृष्टिगत इन्हें हथियार का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस डाटाबेस का तिमाही आधार पर अद्यतन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी ​​नियम, 2009 के नियम 6 के अनुसार, प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा नियुक्त किए गए गार्डों और सुपरवाइजरों को मान्यता प्राप्त प्रश्ाक्षण संस्थानों में निर्धारित पाठ्यफ्म और दिशानिर्देशों के अनुसार प्रशिक्षण लेना होगा।

सक्षम प्राधिकारी ने प्रशिक्षण संस्थानों को लाइसेंस प्रदान किए हैं और सुरक्षा गार्डों और सुपरवाइजरों के प्रशिक्षण के उद्देश्य से प्रशिक्षण संस्थान भी स्थापित किए हैं। इन्हें हरियाणा पुलिस वेबसाइट www.haryanapoliceonline.gov.in पर अपलोड किया गया है।

उन्होंने कहा कि लाइसेंस देने के लिए आवेदन करते समय प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियां भावी सिक्योरिटी गार्डों और सुपरवाइजरों को प्रशिक्षण देने के लिए मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थानों के साथ एक समझौता करेंगे। बहरहाल, पुलिस के ध्यान में आया है कि कुछ प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियां गार्ड और सुपरवाइजर के काम के लिए अपने गार्डों और सुपरवाइजरों को प्रशिक्षण नहीं दिलाते।

इसलिए जिला पुलिस मुखियाओं को इस संबंध में डाटा एकत्रित करने और 31 अगस्त, 2018 तक अनुपालन रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है।

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