प्रशिक्षण कार्यक्रम में जल संरक्षण — पूर्व राष्ट्रीय मंत्री जल स्टार रमेश गोयल

प्रशिक्षण कार्यक्रम में जल संरक्षण — पूर्व राष्ट्रीय मंत्री जल स्टार रमेश गोयल

हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान पंचकूला के तत्वावधान में आज एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में जल संरक्षण पर चर्चा करते हुए पर्यावरण प्रेरणा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भारत विकास परिषद के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री जल स्टार रमेश गोयल ने ग्रुप नंबर 4 के प्रतिभागियों को जल के महत्व, उपलब्धता तथा कमी के कारणों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार धान और गन्ने की उपज में ही नहीं खेती के अन्य कार्यों में भी पानी बर्बाद होता है तथा जहां पहले केवल ग्रामीण क्षेत्र में खेती के लिए भूजल दोहन होता था वहां अब शहरों में भी पीने के पानी की पूर्ति के लिए ट्यूबवेल लगाए जा रहे हैं और अधिक संख्या में होने के कारण तथा अनियमित रूप से चलने के कारण भूजल दोहन बढ़ गया है। गिरते भूजल स्तर के कारण पूरे देश का 60 प्रतिशत क्षेत्र डार्क जोन में चला गया है यानी खतरनाक स्थिति में आ गया है जहां कभी भी पानी समाप्त हो सकता है। लातूर और चेन्नई का उदाहरण देते हुए उन्होंने अप्रैल 2018 में साउथ अफ्रीका की राजधानी केपटाउन मैं पानी के समापन के विषय में बताया वहीं ऑस्ट्रेलिया में पानी की कमी के कारण 5000 ऊंटों को जिंदा मारे जाने के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने पानी की कमी के कारण दैनिक जीवन पर पढ़ने वाले प्रभावों पर भी प्रकाश डाला तथा पानी की बर्बादी रोकने तथा जल संरक्षण के अनेक उपाय बताएं जिनमें भूजल दोहन कम करना. फर्श व गाड़ी को पाइप लगाकर न धोना, खेती में आवश्यकतानुसार ही पानी लगाना, टूंटियां कभी भी खुली नहीं छोड़ना आदि के साथ-साथ वर्षा जल संग्रहण पर भी विस्तार से चर्चा की और बताया कि जो लोग वर्षा जल संग्रहण सिस्टम नहीं लगा सकते वे वर्षा जल को बर्तनों में एकत्रित करें और उसे काम में लें। इस प्रकार जितना पानी एकत्रित कर लेंगे उतना पानी निर्माण माना जाएगा जबकि पानी का निर्माण किसी मिल या फैक्ट्री में नहीं किया जा सकता और केवल वर्षा जल ही एकमात्र स्तोत्र है। उन्होंने सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा के साथ-साथ जन सामान्य से अपील की कि किसी भी समस्या के हल के लिए जनता का सहयोग अनिवार्य है। हमें अपने तथा अपने भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण अनिवार्य है और यदि हम ऐसा नहीं करेंगे तो आने वाले पीढ़ी को पानी नहीं मिलेगा और वे आज की पीढ़ी को निंदित करेंगे। श्री गोयल ने आर ओ के द्वारा निकले हुए वेस्ट वाटर को पुन: प्रयोग की अपील की कि उसे किसी बड़े बर्तन में संग्रहित करें और सफाई, पौधों, कपड़े धोने में या अन्य कार्य में प्रयोग करें जबकि सरकारी स्तर पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के द्वारा पानी को साफ करके पुन: प्रयोग का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पानी बचेगा बिजली बचेगी, बिजली बचेगी धन बचेगा, धन बचेगा विकास बढ़ेगा। इसी प्रकार से वर्षा जल संग्रहण से ने केवल पानी की कमी दूर होगी बल्कि रोज टूटने वाली सड़कें नहीं टूटेंगी जिसके कारण यातायात में होने वाली परेशानी नहीं होगी, सड़क की मरम्मत कराने के लिए होने वाला खर्चा नहीं होगा और वह वह धन भी किसी और विकास कार्य में लग पाएगा। गुड़गांव क्षेत्र के कार्यक्रम में लगभग एक सौ बुद्धिजीवी जड़े थे। कार्यक्रम का संचालन हीपा के डिविजनल ट्रेनिंग सेंटर के प्रिंसिपल श्री एसी शर्मा ने किया।सभी ने श्री गोयल के उद्बोधन की प्रशंसा की।

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