- January 12, 2015
प्रवासी भारतीयों को अब जल्द मतदान का अधिकार- सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली : प्रवासी भारतीयों को अब जल्द मतदान का अधिकार मिलने की संभावना है। प्रवासी भारतीयों को अब अपना मत डालने के लिए भारत नहीं आना पड़ेगा और वे अब देश से बाहर रहकर भी अपने मतदान के अधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिए कि आठ सप्ताह के अंदर प्रवासी भारतीयों को ई-वोटिंग का अधिकार दिया जाए।
केंद्र ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया कि उसने चुनाव आयोग के उस सुझाव को पूरी तरह स्वीकार कर लिया है जिसमें प्रवासी भारतीयों को डाक मत पत्र के जरिए मतदान का अधिकार देने के लिए कहा गया है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के सुझाव पर अमल के वास्ते आगे कदम उठाने के बारे में सूचित करने के लिए केंद्र को चार सप्ताह का समय दिया है। शीर्ष कोर्ट का ये आदेश रविवार को गांधीनगर में हुए प्रवासी भारतीय दिवस के एक दिन बाद आया है। रविवार को सरकार ने भारतीय प्रवासियों को और ज्यादा अधिकार और अवसर देने का वादा किया था।
सरकार ने कोर्ट को आज बताया कि उसने प्रवासी भारतियों को ई-वोटिंग का अधिकार देने के लिए चुनाव आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और कानूनों में बदलाव के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि ई-वोटिंग की सुविधा जल्द से जल्द शुरू हो। ई-वोटिंग में वोटर को मेल के जरिए खाली पोस्टल बैलेट पेपर भेजे जाते हैं, जिसे मतदाता को भरकर अपने निर्वाचन क्षेत्र में भेजना होगा। रिपोर्ट में चुनाव आयोग ने कहा है कि इस प्रक्रिया में हेराफेरी या गोपनीयता का उल्लंघन नहीं होगा।
गौर हो कि साल 2010 में सरकार ने भारतीय प्रवासियों को मतदान का अधिकार दिया था। लेकिन नियमों के मुताबिक मतदाताओं को मतदान के दिन अपने निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद होना जरूरी होता है।