- February 28, 2019
प्रधानमंत्री को पत्र–वन क्षेत्र निवासियों के हित में वन अधिकार कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश लाए केन्द्र – मुख्यमंत्री
जयपुर——- मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर वन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों को उनके कानूनी अधिकार दिलाने में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार से वन अधिकार कानून 2006 में आवश्यक संशोधन के लिए अध्यादेश जारी करने की मांग की है।
उन्होंने आदिवासियों को विस्थापन से बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में केन्द्र सरकार की ओर से समीक्षा याचिका दायर करने का आग्रह भी किया है।
श्री गहलोत ने अपने पत्र में लिखा है कि वन अधिकार कानून 2006 के तहत आदिवासियों और वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ‘जल, जंगल और जमीन’ के अधिकार दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में इस विषय पर आए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को तत्काल लागू करने पर बड़ी संख्या में वन क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों का जीवन प्रभावित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार ने जन घोषणा पत्र में किए गए वादे के मुताबिक वन आदिवासियों को उनके अधिकार दिलाने से जुुड़ी पर््रक्रिया का सरलीकरण करने का निर्णय लिया है।
इसी क्रम में वन अधिकार पट्टे जारी करने के लिए एक पारदर्शी और प्रभावी ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि कई बार आदिवासियों के वन अधिकार दावों को छिटपुट आपत्तियों के आधार पर निर्धारित प्रक्रिया की पूर्ण पालना किए बिना खारिज कर दिया जाता है।
श्री गहलोत ने कहा है कि राजस्थान में वन अधिकार के निरस्त किए गए ऎसे व्यक्तिगत दावों के पुनरीक्षण के लिए राज्य सरकार ने जमीनी स्तर पर प्रयास शुरू किए हैं।
उन्होंने इस प्रकरण में केन्द्र सरकार से आवश्यक कानूनी सहयोग की अपील की और कहा कि बड़ी संख्या में वन क्षेत्रों के निवासियों को विस्थापन से बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर करने सहित आवश्यक कदम उठाए जाएं।
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