- November 1, 2014
प्रदेश में 206 महिला स्वसहायता समूहों की सात हजार महिलाओं को रोजगार
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रायपुर – राज्य सरकार के ग्रामोद्योग विभाग में हाथकरघा बुनकर संघों द्वारा वर्तमान में 15 हजार 300 लूमों पर 45 हजार 900 बुनकरों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। इसके अलावा 206 महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से सात हजार महिलाओं को भी हाथकरघा कपड़ों की सिलाई से रोजगार मिल रहा है। बुनकरों को प्रतिमाह नौ हजार रूपए कमाई हो रही है।
विभागीय अधिकारियों ने आज यहां बताया कि प्रदेश के हाथकरघा बुनकरों को नियमित रोजगार उपलब्ध कराने, उनके द्वारा तैयार कपड़ों की विपणन व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा बुनकरों के कल्याण के लिए 20 दिसम्बर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित का पंजीयन कराया गया। पंजीयन के समय 50 प्राथमिक बुनकर समितियां कार्यशील थी, जो वर्तमान में बढ़कर 234 हो गई है।
राज्य शासन ने हाथकराघा बुनकर संघ को शासकीय वस्त्र आपूर्ति के लिए नोडल एजेंसी अधिकृत किया है। बुनकर संघों द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग और राजीव गांधी शिक्षा मिशन में स्कूली बच्चों के लिए गणवेश (यूनिफार्म) एवं टाटपट्टी, आदिम जाति कल्याण विभाग में स्कूली बच्चों के लिए यूनीफार्म, कंबल, चादर, ब्लेजर एवं मच्छरदानी, महिला एवं बाल विकास विभाग में यूनीफार्म, दरी एवं पोलिस्टर साड़ी, पुलिस विभाग में खाकी ड्रेस मटेरियल, मच्छरदानी, कीट क्लाथ, कंबल, पोलिस्टर साड़ी सहित अन्य शासकीय विभागों में भी मांग के अनुरूप वस्त्र प्रदाय किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2013-14 में शासकीय विभागों को 95 करोड़ रूपए की वस्त्र आपूर्ति और प्राथमिक बुनकर समितियों को नौ करोड़ 45 लाख रूपए बुनाई एवं सिलाई मजदूरी भुगतान की गई।
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