- November 9, 2015
प्रदेश को इस बरसात में 787.47 करोड़ रुपये का नुकसान
हिमाचल प्रदेश – कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश को बादल फटने, भूस्खलन और हिमस्खलन जैसी आपदाओं के लिए अतिसंवेदनशील है और इसके लिए विभिन्न निवारक उपायों की आवश्यकता है। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री तरूण श्रीधर ने गत सांय केन्द्र सरकार की टीम के साथ हुई बैठक में इसका खुलासा किया। केन्द्र सरकार की टीम इस वर्ष हिमाचल में बाढ़ व अन्य आपदाओं द्वारा हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए हिमाचल आई थी।
श्री तरूण श्रीधर ने कहा कि इस वर्ष बरसात के दौरान अचानक आई बाढ़ के कारण 787.47 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि सड़कों और पुलों को बारशि के कारण 404.72 करोड़ रुपये का नुक्सान है। उन्होंने बताया कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की 5307 योजनाओं को पूरी तरह या आंशिक रूप से 214.52 करोड़ रुपये और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत परिषद को 31.15 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके अतिरिक्त सार्वजनिक व निजी सम्पत्ति को 2.55 करोड़ रुपये का नुक्सान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस दौरान टमाटर की फसल और सेब के बागीचे भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद राज्य सरकार ने सभी सड़कों, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य योजनाओं का कार्यशील किया है। उन्होेंने बताया कि देश का प्रमुख बचाव अभियान बिलासपुर में किया गया था, जिसमें दो व्यक्ति फंसे थे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, पर्यटन, जनजातीय विकास व सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग श्री वी.सी. फारका ने कहा कि भारत सरकार क्षेत्र और जनसंख्या के आधार पर आपदा धनराशि स्वीकृत करती है, न कि जोखित के आधार पर। उन्होंने कहा कि हिमाचल की स्थलाकृति और जलवायु परिस्थितियां विषम हैं और जोखिम के आधार पर आपदा धनराशि स्वीकृत होनी चाहिए।
लोक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री नरेन्द्र चैहान ने कहा कि जल निकासी और सड़कों के रखरखाव बहुत जरूरी हैं तथा प्रदेश सरकार इस पर अधिक धनराशि खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में हिमाचल में दुर्घटनाएं अधिक होने की संभावना होती हैं। इसलिए राज्य सरकार सड़कों की स्थिति में सुधार लाने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है और इसके लिए 300 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
संयुक्त सचिव (सुरक्षा) गृह मंत्रालय भारत सरकार श्री वी. शशांक शेखर ने कहा कि केन्द्रीय टीम ने राज्य के विभिन्न बाढ़ संवेदनशील क्षेत्रों और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि सड़कों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। उन्होंने
संख्याः 1067/2015 .2.
प्रदेश में होने वाले बचाव कार्यों का व्यय दिखाने को कहा है।
मण्डलायुक्त डा. आर.एन. बत्ता, सचिव पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास श्री ओंकार शर्मा, उपायुक्त कांगड़ा श्री रितेश चैहान, उपायुक्त ऊना श्री अभिषेक जैन, विशेष सचिव आपदा प्रबन्धन श्री डी.डी. शर्मा, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य और राजस्व विभाग के अधिकारियों सहित भारत सरकार के अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।