- April 26, 2017
प्रथम चरण में 100 जिलों में निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण –जे.पी.नड्डा
शिमला (हि०प्र०) ———-केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि समूचे राष्ट्र में सार्वभौमिक तथा व्यापक स्वास्थ्य चिकित्सा सुनिश्चित करने के लिए एक नई ‘स्वास्थ्य नीति’ तैयार की है, जिसके लिए राज्यों को पर्याप्त निधि उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने यह बात आज यहां हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में बतौर मुख्य अतिथि कही।
उन्होंने कहा कि सरकार सार्वभौमिक चिकित्सा जांच पर जोर दे रही है तथा प्रथम चरण में देश के 100 जिलों को इस योजना के तहत लिया गया है, जिसमें उच्च रक्तचाप तथा केंसर जैसे भयावह 6 प्रकार की बीमारियों की निःशुल्क जांच सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।
उन्होंने कहा की घातक बीमारियों का समय रहते पता लगाने में सहायता मिलेगी। एचआईवी रोगियों के लिए ‘टेस्ट एण्ड ट्रीट’ योजना भी नई स्वास्थ्य योजना का एक अहम् हिस्सा होगी।
श्री नड्डा ने कहा कि हमारा देश अपने नागरिकों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं प्रदान करने की ओर अग्रसर है। सरकार देश में महिलाओं को श्रेष्ठ मातृ-शिशु उपचार सेवाएं उपलब्ध करवा रही है। सरकार राजकीय अस्पतालों में हर साल 2 करोड़ महिलाएं गर्भवती महिलाओं की निःशुल्क स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित बना रही है। उन्होंने चिकित्सकों से जैनरिक दवाईयां लिखने को कहा जो कानून अनिवार्य है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मानक दूसरे राज्यों की तुलना में कहीं बेहतर है। राज्य की कुल प्रजनन दर देश की 2.3 की औसत दर के मुकाबले 1.7, शिशु मृत्यु दर देश की 37 की औसत दर के मुकाबले 28 तथा 5 वर्ष से कम आयु के शिशुओं की मृत्यु दर देश की 43 की औसत दर के मुकाबले 33 है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश को 2025 तक क्षयरोग मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है और इस लक्ष्य को इससे पूर्व 2021-22 तक हासिल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में ‘मुख्यमंत्री क्षय रोग निवारण योजना’ की घोषणा की है तथा इस पर कार्य किया जा रहा है।
श्री ठाकुर ने कहा कि राज्य में वर्तमान में 651 स्वास्थ्य संस्थानों का कार्य प्रगति पर है, जिसमें से 117 भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। उन्होंने बताया कि गत चार वर्षों के दौरान प्रदेश में 23 नए नागरिक अस्पताल, 36 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 103 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा 34 उप-स्वास्थ्य केन्द्र खोले गए हैं।
आवश्यक दवाईयों की सूची के तहत 394 दवाईयां तथा 569 घटकों का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि नए स्वास्थ्य संस्थानों के संचालन के लिए 2505 पदों का सृजन किया गया है। इसके अतिरिक्त, 825 चिकित्सा अधिकारियों, 426 स्टॉफ नर्सों, 356 फार्मासिस्टों, 92 महिला स्वास्थ्य कर्मियों, 74 प्रयोगशाला सहायकों, 59 आप्रेशन थियेटर सहायकों तथा 8 फिजियोथैरेपिस्टों की इस कार्यकाल के दौरान नियुक्तियां की गई।
श्री ठाकुर ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से स्वास्थ्य संस्थानों तथा नए मैडिकल कालेजों में अधोसंरचना के विकास एवं सुदृढ़ीकरण के लिए उदार धनराशि प्रदान करने का आग्रह किया । उन्होने कहा कि आई.जी.एम.सी. का ट्रॉमा सेन्टर स्तर-1 का है और उन्होंने टांडा के लिए भी यही दर्जा प्रदान करने का आग्रह किया ।
उन्होंने राज्य के लिए नौ और ट्रॉमा सेन्टर स्वीकृत करने का आग्रह किया । इन केन्द्रों का मामला पहले ही स्वीकृति हेतु केन्द्र सरकार को भेजा गया है ।उन्होंने कहा कि 2013-14 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 214 करोड़ रूपये का बजट था जिसे घटाकर 177 करोड़ किया गया है और विभिन्न कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए इसमें वृद्धि की जानी चाहिए ।
उन्होंने विशेष श्रेणी राज्य की तरजीह पर राज्य के लिए क्षय रोग कार्यक्रम के अन्तर्गत और अधिक धनराशि की मांग भी की । उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला, सिविल अस्पताल नूरपुर, पांवटा साहिब तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नालागढ़ के लिए चार और सीबीएनएएटी मशीनें उपलब्ध करवाने का आग्रह किया । उन्होंने क्षयरोग अस्पताल धर्मपुर के लिए 5 करोड़ रूपये की धनराशि की भी मांग की ।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमाचल 2014 में राज्य स्वास्थ्य आयोग का गठन करने वाला देश का पहला राज्य है जिसका उद्देश्य व्यक्ति विशेष तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करना है । उन्होंने कहा कि 2016-17 के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को 15.60 करोड़ रूपये का प्रोत्साहन प्रदान किया गया । उन्होंने कहा कि नई पीजी पॉलिसी अधिसूचित की गई है और राज्य में शीघ्र ही सभी परिवारों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना शुरू की जा रही है ।
निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पंकज रॉय , निदेशक स्वास्थ्य सुरक्षा एवं नियमन कैप्टन रमन, समस्त जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी तथा स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।