प्रत्‍येक कृषि भूमि के लिए अगले 10 वर्ष में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध होगी : उमा भारती

प्रत्‍येक कृषि भूमि के लिए अगले 10 वर्ष में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध होगी : उमा भारती
नई दिल्ली  -जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा है कि अगले 10 वर्ष में देश में प्रत्‍येक कृषि भूमि के लिए सिंचाई की सुविधा उपलब्‍ध होगी। आज यहां सहभागी सिंचाई प्रबंधन के बारे में जल उपयोगकर्ता एसोसिएशन के अध्‍यक्षों के राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का उद्घाटन करते हुए सुश्री उमा भारती ने कहा कि जल की उपलब्‍धता को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि उसकी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उसका गुणकारी उपयोग किया जाए। उन्‍होंने कहा कि आने वाले वर्षों में जल सुरक्षा के लिए पानी के सही उपयोग को पहचानना जरूरी है। सिंचाई क्षेत्र हमारे पानी के कुल इस्‍तेमाल का करीब 80 प्रतिशत है, इसलिये यह जरूरी है कि सिंचाई परियोजनाओं के मामले में पानी का सही उपयोग किया जाएगा।

सुश्री भारती ने कहा कि पानी की कमी देश की एक प्रमुख समस्‍या है। उन्‍होंने कहा कि यदि हम अपने जल संसाधनों को संरक्षित रखना चाहते है, तो हमें पानी का दुरूपयोग रोकना चाहिए। उन्‍होंने देश में जल संसाधनों के संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर लोगों की भागीदारी का आह्वान किया। सुश्री भारती ने कहा कि लोगों को हर चीज के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और समाज को जल संरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुद पहल करनी चाहिए।

केन्‍द्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा कि एक प्रभावकारी जल उपयोगकर्ता एसोसिएशन उपलब्‍ध नहर के पानी का सभी लोगों के बीच समान वितरण करने की दिशा में काम करेगी और गाद और वनस्‍पति की सफाई करके जलधाराओं की उचित मरम्‍मत और उनका रखरखाव सुनिश्चित करेंगी। उन्‍होंने कहा कि व्‍यावहारिक डब्‍ल्‍यूयूए से नहर के पानी का किफायत के साथ इस्‍तेमाल सुनिश्चित होगा। इससे न केवल किसानों और क्षेत्र में समृद्धि आएगी, बल्कि पर्यावरण का संरक्षण होने के साथ-साथ पारिस्थितिकीय संतुलन पैदा होगा।

उन्‍होंने सम्‍मेलन में बताया कि देश में सहभागी सिंचाई प्रबंधन के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचे की जरूरत को पहचानते हुए, उनके मंत्रालय ने कमान क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत किसानों की भागीदारी के लिए दिशा निर्देश जारी किये है। सुश्री भारती ने कहा कि उनका मंत्रालय सहभागी सिंचाई प्रबंधन को बढ़ावा दे रहा है और उसने राज्‍य सरकारों से अनुरोध किया है कि वे विभिन्‍न स्‍तरों पर सिंचाई प्रबंधन में किसानों की भागीदारी के लिए कानून बनाये।

सुश्री भारती ने उम्मीद जताई कि दो दिवसीय सम्‍मेलन में किसान समूहों सहित विभिन्‍न सांझेदारों के बीच पानी के सही इस्‍तेमाल के बारे में होने वाला विचार विमर्श काफी उपयोगी साबित होगा।

उद्घाटन सत्र को जल संसाधन मंत्रालय में सचिव श्री अनुज कुमार बिश्‍नोई, अतिरिक्‍त सचिव अमरजीत सिंह और केन्‍द्रीय जल आयोग के अध्‍यक्ष श्री ए.बी. पांड्या ने भी संबोधि‍त किया।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply