• December 6, 2014

पेयजल योजनाओं की हर तीन माह पर मॉनिटरिंग – विभाग मंत्री

पेयजल योजनाओं की हर तीन माह पर मॉनिटरिंग – विभाग मंत्री

जयपुर – जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने शुक्रवार को अजमेर में संभाग की पेयजल योजनाओं एवं पेयजल व्यवस्था की समीक्षा करते हुए विभाग के अभियन्ताओं से साफ तौर से कहा कि स्वीकृत पेयजल योजना का कार्य तय समय सीमा में पूरा होना चाहिए जिससे समय पर आम लोगों को इसका लाभ मिल सकें।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी प्रकार की स्वीकृत देने के पश्चात् काम में देरी होना कौताही को दर्शाता है जिसे दूर करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि ठेकेदार काम में विलम्ब कर रहा है तो उसके विरूद्घ कार्यवाही करें नहीं मानने पर उसे ब्लैक लिस्ट करें।

श्रीमती माहेश्वरी ने कहा कि विभिन्न पेयजल योजनाओं पर जनप्रतिनिधियों के साथ खुले में चर्चा करना कार्य की गति को देने के लिए है, यदि इसके बावजूद समय पर समस्याग्रस्त क्षेत्रों में पानी नहीं पहुंचता है तो इसके लिए अभियन्ताओं को जिम्मेदार माना जाएगा।

उन्होंने उपखण्ड स्तर पर पेयजल समस्या संबंधी समिति, उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में बनाने के निर्देश दिए। समिति में सचिव क्षेत्र के सहायक अभियन्ता होंगे। क्षेत्र के विधायक, विकास अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी इसके सदस्य होंगे जिसकी नियमित बैठक होगी और यहां चिन्हित समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर जिला स्तर पर बैठने वाले अधिकारी करेंगे।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र व उप स्वास्थ्य केन्द्र को पेयजल सुविधा से जोड़ा जाएगा। कोई भी ऐसा स्थान पेयजल साधन के बिना नहीं होगा। जहां पाईप कनेक्शन देने की आवश्यकता होगी, दिया जाएगा। हैंडपम्प की जरूरत होने पर, हैंडपम्प या अन्य साधन उपलब्ध कराया जाएगा। फ्लोराइड युक्त पानी से निजात दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों के साथ-साथ मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुरूप फ्लोराइड पानी के निकास केन्द्र पर प्रतिवर्ष एक हजार आर.ओ. विभागीय स्तर पर तथा पांच सौ आर.ओ. पी.पी.पी. मोड पर लगाए जाएंगे। आगामी 5 वर्षाें में सभी क्रिटिकल पोईन्ट जिनकी संख्या 7 से साढ़े 7 हजार है, पर आर.ओ. लगा दिए जाएंगे।

उन्होंने अजमेर विकास प्राधिकरण क्षेत्र में आने वाले अजमेर शहर की पैराफेरी के गांव व  प्राधिकरण की आवासीय बस्तियों में अजमेर विकास प्राधिकरण के खर्चे पर पीने के पानी की पाईप लाईन डालने को कहा।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने टोंक, नागौर व भीलवाड़ा जिले की पेयजल योजनाओं व पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की और बताया कि मेड़ता विधानसभा क्षेत्र में नहर का पानी आगामी जुलाई तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि लगभग तीन हजार करोड़ रूपए की लागत से चल रहे जायका प्रोजेक्ट का कार्य फरवरी 2018 तक पूरा कराने के लिए युद्घस्तर तक कार्य करना होगा। इससे नागौर जिले के डेढ़ हजार गांव नहर के पानी से जुडेंगे। उन्होंने बैठक में ही लाडनूं पुर्नगठित पेयजल योजना के लिए 4 करोड़ 60 लाख रूपए की योजना की स्वीकृति देते हुए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। परबतसर क्षेत्र में पेयजल स्त्रोतों की फीजिब्लिटी की जांच करने तथा आवश्यकता पडऩे पर 4 नलकूप खोदने, इसी प्रकार मेड़ता सिटी में जो नलकूप सूख गए हैं उनके स्थान पर नए नलकूप खोदने की भी स्वीकृति दी।

बैठक में अजमेर के संभागीय आयुक्त श्री धर्मेन्द्र भटनागर, जिला कलक्टर डॉ. आरूषि ए. मलिक जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियन्ता सर्व श्री बन्ने सिंह, सी.एम. चौहान, सी.एस. छतवानी, अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता वी.के. शर्मा सहित अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर व टोंक जिलों के अधीक्षण व अधिशाषी अभियन्ता मौजूद थे। प्रत्येक जिले के अधीक्षण अभियन्ता ने पॉवर पोईन्ट प्रजन्टेशन से पेयजल योजनाओं व पेयजल व्यवस्था के बारे में बताया।

बैठक में अजमेर जिले के विधायक सर्व श्री भागीरथ चौधरी (किशनगढ़), श्री शत्रुध्न गौतम (केकड़ी), श्री सुरेश सिंह रावत (पुष्कर) तथा श्री शंकर सिंह रावत (ब्यावर), नागौर जिले के विधायक सर्व श्री सुखाराम (मेड़ता सिटी), श्री मानसिंह (परबतसर), मनोहर सिंह (लाडंनू), टोंक जिले के विधायक सर्व श्री अजीत सिंह मेहता (टोंक), श्री कन्हैया लाल चौधरी (मालपुरा), श्री राजेन्द्र गुर्जर (देवली-उनियारा) तथा भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर विधायक श्री धीरज गुर्जर ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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