- December 7, 2023
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय : भूकंप : 2023 में भूकंप गतिविधि में वृद्धि का संकेत
PIB ————- आंकड़ों से वर्ष 2023 में भूकंप गतिविधि में वृद्धि का संकेत मिलता है और इसका मुख्य कारण पश्चिमी नेपाल में अल्मोड़ा फॉल्ट का सक्रिय होना है। इस सक्रियता के कारण 24 जनवरी, 2023 (एम:5.8), 3 अक्टूबर, 2023 (एम:6.2), और 3 नवंबर, 2023 (एम:6.4) को भूकंप आए। इन मुख्य झटकों के साथ-साथ बाद के झटकों के कारण वर्ष 2023 में भूकंपों की आवृत्ति में वृद्धि हुई है। हालांकि, इस अवधि के दौरान भूकंपीय हलचल में कोई बदलाव नहीं आया।
उत्तरी भारत और नेपाल में कभी-कभी मध्यम भूकंप और भूकंपीय गतिविधि में उतार-चढ़ाव का अनुभव होना आम बात है। नेपाल और भारत का पड़ोसी उत्तरी भाग, हिमालय क्षेत्र की सक्रिय दरारों के पास स्थित, अत्यधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र हैं जहां टेक्टोनिक्स प्लेटों के टकराने के कारण अक्सर भूकंप आते रहते हैं। यहां भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे दब जाती है।
पिछले तीन वर्षों और वर्तमान वर्ष के दौरान राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली द्वारा दर्ज किए गए इन क्षेत्रों में भूकंप की घटनाओं (परिमाण 3.0 और उससे ऊपर) का विवरण नीचे दिया गया है:
भूकंप की तीव्रता सीमा |
अवधि के दौरान भूकंपों की संख्या |
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साल 2020 | साल 2021 | साल 2022 | जनवरी से नवंबर 2023 | |
3.0 से 3.9 | 42 | 41 | 41 | 97 |
4.0 से 4.9 | 18 | 18 | 20 | 21 |
5.0 से 5.9 | 1 | 1 | 3 | 4 |
6.0 से 6.9 | 0 | 0 | 1 | 2 |
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने भारत का भूकंपीय मानचित्र प्रकाशित किया है, जो जोन-2 से लेकर 5 तक भूकंप प्रतिरोधी इमारतों के निर्माण के लिए आवश्यक इंजीनियरिंग कोड और व्यवहारों को लागू करने के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) भूकंप संबंधी घटनाओं के प्रति तैयारियों और प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए भूकंप अभ्यास, जागरूकता कार्यक्रम, भूकंप प्रबंधन आदि जैसे विभिन्न एहतियाती उपायों के लिए जिम्मेदार एजेंसी रही है।
यह जानकारी केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री श्री किरण रिजिजू ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।