पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ एफआइआर दर्ज

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ एफआइआर दर्ज

उत्तराखंड —- पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सीबीआइ ने इन दोनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर लिया है।

इनपर सरकारी पद पर रहते हुए मंत्रालयों के बंटवारे और करोड़ों रुपये की लेन-देन की साजिश रचने का आरोप है। लगभग साढ़े तीन साढ़ तक मामले की प्रारंभिक जांच करने के बाद सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज करने का फैसला किया है।

स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो और तीनों आरोपियों के बीच कॉल रिकार्ड

हरक सिंह रावत और उमेश कुमार को आरोपी बनाने का फैसला चौंकाने वाला है। क्योंकि उमेश कुमार ने नाराज विधायकों खरीद-फरोख्त का ऑफर वाला हरीश रावत का स्टिंग किया था और इसी स्टिंग वीडियो के सहारे हरक सिंह रावत ने राज्यपाल से शिकायत कर हरीश रावत के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग की थी।

स्टिंग आपरेशन के वीडियो और तीनों आरोपियों के बीच कॉल रिकार्ड की गहन छानबीन के बाद सीबीआइ ने पाया कि उमेश कुमार दरअसल हरीश रावत का स्टिंग आपरेशन करने बजाय हरक सिंह रावत की ओर से सौदेबाजी करने गया था। स्टिंग का कथित वीडियो असल में इसी सौदेबाजी का वीडियो है।

विधायकों को चार्टर्ड विमान से देहरादून से गुरुग्राम के होटल में लाया गया

सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार 18 मार्च 2016 को उत्तराखंड विधानसभा में बजट पास होने के बाद भाजपा विधायकों के साथ-साथ कांग्रेस के नाराज विधायकों को चार्टर्ड विमान से देहरादून से गुरुग्राम के होटल में लाया गया था।

उमेश कुमार देहरादून से गुरुग्राम के होटल में हरक सिंह रावत से मिलने आया था। हरक सिंह रावत ने कांग्रेस में वापसी के लिए उपमुख्यमंत्री के पद के साथ दो मंत्रालय और 25 करोड़ रुपये की मांग के साथ उमेश कुमार को हरीश रावत से मिलने को कहा।

उमेश कुमार की हरीश रावत के साथ मुलाकात 23 मार्च को देहरादून के हवाइअड्डे के लांज में तय हुई।

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